छत्तीसगढ़ के  ने लॉन्च की एग्रीकल्चर ड्रोन-एग्री एंबुलेंस,PPP मॉडल पर मिलेगी सुविधा, मिट्‌टी की भी होगी जांच…

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली त्योहार के मौके पर गुरुवार को पाटन विधानसभा पहुंचे।

यहां उन्होंने बैलगाड़ी चलाकर और गेड़ी चढ़कर त्योहार का आनंद लिया, इस मौके पर उन्होंने किसानों को एग्री एम्बुलेंस और एग्रीकल्चर ड्रोन की सौगात दी।

अब किसानों की फसलों में कीटनाशक का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से किया जाएगा। वहीं पाटन क्षेत्र के किसानों को खेती किसानी से संबंधित सम्पूर्ण सुविधाओं से युक्त एग्री एम्बुलेंस का लाभ मिलेगा।इसमें जैविक खाद की उपलब्धता भी होगी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों को हाईटेक खेती से जोड़ने के लिए कंप्लीट एग्रीकल्चर ड्रोन सॉल्यूशन की लांचिंग की। उन्होंने बताया कि एग्रीकल्चर ड्रोन के माध्यम से 4 एकड़ फसल में आधे घंटे के भीतर दवा का छिड़काव हो सकेगा।

दवा की मात्रा भी निर्धारित की जा सकेगी। अब तक मैनुअल तरीके से एक किसान को 1 एकड़ फसल में दवा छि़ड़काव करने में कम से कम 3 घंटे का समय लगता था। वहीं एग्री एम्बुलेंस में एग्रीकल्चर लैब की सुविधा मिलेगी, इससे वो मिट्‌टी की आसानी से जांच करा सकेंगे।

किसानों को ड्रोन की सुविधा पीपीपी मॉडल के जरिए दी जाएगी। इसके तहत एक समूह को ड्रोन संचालन की ट्रेनिंग देकर ड्रोन दिया जाए। वह समूह 20 गांव के किसानों की फसल में कीटनाशक का छिड़काव कर सकेगा।

मुख्यमंत्री ने हरेली तिहार के मौके पर पशु चलित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर को लॉन्च किया। यह दोनों ही कृषि यंत्र इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बनाया है।

इन यंत्रों के इस्तेमाल से किसानों को कृषि कार्य में लगने वाले समय में कमी आएगी और लागत भी कम होगी। इसके उपयोग से पशुओं पर भी बोझ कम पड़ेगा।

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि द्वितीयक जुताई के लिए पशु चलित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर काफी उपयोगी होगा। इस यंत्र में 750 वॉट (1एचपी) का मोटर लगा है और 48 वोल्ट पॉवर की बैटरी लगाई गई है।

इस कल्टीवेटर की सहायता से 1 हेक्टेयर खेत को 5-7 घंटे में एक बार द्वितीयक जुताई की जा सकती है। इस यंत्र की लागत 55-60 हज़ार रुपये होगी। वहीं प्लांटर कतारबद्ध बुआई के काम आएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसान की सरकार है। गरीबों की सरकार है। हमने किसानों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य किया। सरकार ने पिछले साल 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा। इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है।

किसानों की आय बढ़ी है। इसके चलते अब लोग गांव से शहर की ओर नहीं बल्कि शहर से गांव की ओर पलायन कर रहे हैं। जिन किसानों ने वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किया है वे इसके लाभ से परिचित हो गए हैं। जैविक खाद बीमारियों से भी बचाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसान की सरकार है। गरीबों की सरकार है। हमने किसानों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य किया। सरकार ने पिछले साल 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा। इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है।

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