छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बाल आश्रम में 14 साल की नाबालिग ने मृत बच्चे को दिया जन्म, वहीँ के कर्मचारी ने किया कुकर्म, हुआ गिरफ्तार…

राजधानी रायपुर के माना स्थित SOS बाल आश्रम में 14 साल की बच्ची से रेप का मामला सामने आया है।

ये कांड कुछ महीने पुराना है, आश्रम के अफसरों ने मामला दबा दिया था, मगर अब ये जानकारी लीक हो गई है।

खबर है कि न सिर्फ यहां छोटी बच्ची के साथ रेप हुआ बल्कि वो प्रेग्नेंट भी हो गई थी, बच्ची की डिलीवरी कराई गई, उसने मृत बच्चे को जन्म दिया। बाद में इस पूरी घटना को अफसरों ने छुपा लिया।

अब ये केस सामने आया है। माना थाने में इस केस की FIR दर्ज की गई थी। इस केस के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर सौमित्री भोई ने पुष्टि करते हुए कहा- माना बाल आश्रम में 14 साल की बच्ची से रेप की शिकायत मिली थी।

मामला संवेदनशील था, बाल आश्रम के अफसरों की तरफ से बताया गया था कि घटना 2021 के जून में महीने में ये घटना हुई थी।

नवंबर के महीने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। बच्ची गर्भवती हो चुकी थी। हमने मामले में कार्रवाई की थी।

आश्रम के कर्मचारी ने ही किया था रेप
खबर है कि इस बाल आश्रम के कर्मचारी अंजनी शुक्ला ने बच्ची को झांसे में लेकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।

बच्ची प्रेग्नेंट हो गई थी, अफसरों ने इस मामले को दबाए रखा। छोटी बच्ची गर्भावस्था की पीड़ा को झेलती रही।

शिकायत के बाद पुलिस ने अंजनी को अरेस्ट कर लिया था। आरोपी इस वक्त जेल में हैं। बच्ची को माना में ही रखा गया है या उसे कहीं और भेजा गया है ये बात स्पष्ट नहीं हो सकी है।

अफसरों ने किया घाल-मेल
बच्ची के प्रेगनेंट होने, उसके रेप की खबर अफसरों ने लीक नहीं होने दी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में इस केस को दबाया गया।

अफसरों ने कुछ बड़े अफसरों को भी पैसे दिए। वरना इतनी बड़ी घटना उजागर हो जाती। आश्रम के किसी अफसर या जिम्मेदारों पर इस मामले में कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई।

सभी अफसर अपने पदों पर बने रहे, किसी के खिलाफ काेई जांच तक का आदेश नहीं हुआ। इस मामले में आश्रम की डायरेक्टर निपुना सेन से संपर्क करने का प्रयास किया गया मगर उन्होंने जवाब नहीं दिया।

128 बच्चे रहते हैं आश्रम में
माना में स्थित बाल आश्रम जिला प्रशासन और SOS नाम की इंटरनेशनल संस्था चलाती है। यहां 128 बेसहारा बच्चे रहते हैं।

इनकी देख रेख का जिम्मा संस्था पर ही होता है। इसे सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं से मदद मिलती है। बच्चों को यहां सुरक्षित रखने के लिए इसे बनाया गया मगर यहीं बच्ची के साथ रेप की वारदात हो गई।

कलेक्टर ने किया था बर्खास्त
रायपुर के कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने हाल ही में महिला बाल विकास विभाग की जिला बाल संरक्षण इकाई के कुछ कर्मचारियों को लापरवाही की वजह से बर्खास्त किया था।

इसमें नवा बिहान, सखी वन स्टॉप सेंटर, बाल गृह, बाल संप्रेषण गृह में संविदा में नियुक्त अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे।

9 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के बाद ये कदम उठाया गया था। ये कर्मचारी दुर्व्यवहार, महिला कर्मचारियों से दुर्व्यवहार, शराब पीकर काम पर आने जैसी हरकतें कर रहे थे।

रायपुर में पहले भी हुई बच्ची के गर्भवती होने की घटना
9 महीने पहले तेलीबांधा इलाके में एक और केस सामने आया था इस मामले में नाबालिग से उसके बॉयफ्रेंड ने शारीरिक संबंध बनाया। 13 साल की बच्ची गर्भवती हो गई थी।

आरोपी भी नाबालिग था उसकी उम्र 15 साल बताई गई। बच्ची के इंस्टाग्राम अकाउंट पर आराेपी ने पहले उसे फॉलो किया।

दोनों के बीच बातें होने लगीं और दोस्ती शारीरिक संबंध तक जा पहुंची थी, बाद में नाबालिग आरोपी को पुलिस ने पकड़कर बाल संप्रेक्षण गृह भेजा था।

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