‘अच्छे पड़ोसी आतंक नहीं मचाते,’ जयशंकर ने कहा- भारत पाकिस्तान से ‘अच्छे’ संबंध चाहता है…

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत पाकिस्तान के साथ ‘अच्छे’ संबंध चाहता है, लेकिन ‘अच्छे पड़ोसी आतंकी गतिविधियों को अंजाम नहीं देते।

नई दिल्ली में गुरुवार को आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एस. जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के प्रति सरकार का मत जनता की अपेक्षाओं से अलग नहीं है।

उन्होंने कहा- मैं महसूस करता हूं कि देश की जनता पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहती है। लेकिन, एक अच्छा पड़ोसी आतंकवाद नहीं फैलाता।

कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने चीन, पाकिस्तान, अमेरिका, रूस-यूक्रेन युद्ध और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जी-20 समिट में भाग लेने की योजना पर बातचीत की।

लाइन ऑफ एक्च्युअल कंट्रोल (LAC) के आस-पास चीन की सेना की आक्रामक गतिविधियों को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी कुछ मुद्दों पर काम किया जाना बाकी है।

उन्होंने कहा- समान और परस्पर सुरक्षा के मद्देनजर भारत और चीन ने कुछ मुद्दों पर प्रगति की है। लेकिन, अभी भी कुछ मुद्दों पर काम किया जाना बाकी है।

हमें लगातार कोशिश करनी चाहिए- केंद्रीय मंत्री
उन्होंने कहा कि साल 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुआ भारतीय-चीनी सिपाहियों का संघर्ष इस बात को दिखाता है कि एक पक्ष ने यथास्थिति से दूर हटने की कोशिश की।

यही मुद्दा सभी मुद्दो को केंद्र है। उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास है कि हमें लगातार कोशिश करनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि एक दिन अहसास होगा।

एक दिन चीन को भी अहसास होगा कि जो संबंध वर्तमान में है उसका स्तर उसके भी हित में नहीं है।

अमेरिका के साथ मिलकर शानदार काम किया
उन्होंने आगे कहा कि भारत पश्चिमी राष्ट्रों से अपने संबंध बखूबी निभाता है, अमेरिका के साथ भी। भारत के हितों का अहसास पश्चिमी देशों को भी है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका ने वैश्विक बदलाव के बीच आपस में समन्वय के साथ शानदार काम किया।

ये अलग बात है कि वह इस काम को अपने और हम इसे अपने नजरिये से देखेंगे।

रूस-यूक्रेन युद्ध पर कही यह बात
रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी बातों को याद किया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपील की थी कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों को तुरंत वार्ता कर मुद्दों को हल करना चाहिए, क्योंकि, ये मुद्दे युद्ध के मैदान में हल नहीं हो सकते।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *