छत्तीसगढ़ में नए 116 सड़कों का प्रस्ताव, लेकिन पुराने ही नहीं बने, 2006 में आबादी 8 लाख, 2022 में 16 लाख तबका प्लान अब तक अधूरा…

छत्तीसगढ़ राज्य बनने और रायपुर के राजधानी बनने के बाद अब तक तीन मास्टर प्लान बन चुके हैं।

इस दौरान रायपुर की जनसंख्या 8 लाख से बढ़कर 16 लाख से ज्यादा हो गई। शहर का विस्तार भी लगभग तीन गुना तक हो गया, लेकिन 2006 और 2011 के मास्टर प्लान में प्रस्तावित कई सड़कें आज तक नहीं बन पाई हैं।

कुछ सड़कों का चौड़ीकरण हुआ भी है, तो कम। इसकी मुख्य वजह शहर के अनियंत्रित विकास पर सरकारी एजेंसियों को नियंत्रण नहीं रहा है। नतीजतन सड़कों की चौड़ाई में बसाहटें बढ़ती गईं और अब उन्हें हटाना सरकारी एजेंसियों के लिए मुश्किल हो गया है।

मास्टर प्लान शहर के विकास का मॉडल है। यह तभी सफल होता है, जब शुरुआती मास्टर प्लान से ही विकास का क्रम शुरू हो।

रायपुर में 1977 से मास्टर प्लान बनना शुरू हुआ। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से शहर विकास के दृष्टिकोण से अछूता रहा।

अलग राज्य बनने और रायपुर के राजधानी के रूप में स्थापित होने के बाद विकास का क्रम शुरू हुआ, लेकिन 2006 में प्रस्तावित किया गया विकास मॉडल ही अब तक पूरा नहीं हो पाया है।

2006 में 31 प्रमुख सड़कों का खाका तैयार किया गया था, जो मास्टर प्लान 2021 में प्रस्तावित था। 50 फीसदी से ज्यादा सड़कें बन ही नहीं पाईं।

जो बनीं भी, वो उतनी चौड़ी नहीं बनी, जितनी होनी चाहिए थी। अब इस बार फिर नया मास्टर प्लान जारी कर दिया गया है। एक महीने तक दावा आपत्ति मंगाई गई है।

मास्टर प्लान

2021
71- सड़कें 39 यानी 55 फीसदी नहीं बनीं या आंशिक

2011
31- सड़कें 16 यानी 50 फीसदी नहीं बनीं या आंशिक

ऐसा है हाल- 65 फीट होनी थी शारदा चौक की चौड़ाई

  • 2011 के मास्टर प्लान में शारदा चौक से गुरुनानक चौक होते हुए रेलवे स्टेशन तक सड़क की चौड़ाई 20 मीटर यानी लगभग 65 फीट की जानी थी। यह पूरा इलाका व्यावसायिक है और हैवी ट्रैफिक वाला। इसके चौड़ीकरण का प्रस्ताव अब तक तैयार नहीं किया गया।
  • आमापारा आरडी तिवारी स्कूल से तेलघानी नाका चौक तक सड़क की चौड़ाई बढ़ाने का प्रस्ताव 15 साल पुराना है। दो साल पहले इसके चौड़ीकरण का काम शुरू किया गया
  • आमापारा बाजार से बजरंग नगर तक चौड़ाई बढ़ाई गई, लेकिन उससे आगे सड़क संकरी है। चौड़ाई भी 85 फीट प्रस्तावित थी, लेकिन अब यह 60 फीट के आसपास ही है।
  • सदर बाजार का प्रस्ताव 2006 में तैयार हुआ था, 2011 में भी इसे शामिल किया था। आजाद चौक से नलघर तक इसकी चौड़ाई 60 फीट और यहां से रिंग रोड तक करीब 100 फीट की होनी थी।
  • भाठागांव बस स्टैंड वाली सड़क 100 फीट प्रस्तावित है। 10 करोड़ की लागत से नेहरू नगर से टिकरापारा होते हुए भाठागांव बस स्टैंड तक की सड़क की चौड़ाई बढ़नी है। अभी यह सड़क 25 से 40 फीट की है। इसे अधिकतम 60 फीट तक बढ़ाया जा रहा है। 2021 के मास्टर प्लान में इस सड़क को 30 मीटर यानी करीब 100 फीट तक चौड़ा करने का प्रस्ताव है। दोनों ओर बसाहट है, इन्हें बिना हटाए कुछ काम चल रहा है।

2011 की सड़कों को 2021 के प्लान में लाए, फिर भी कई सड़कें आज तक नहीं
मास्टर प्लान 2011 की कई सड़कों को जस का तस 2021 के प्लान में शामिल कर लिया गया। 40 अतिरिक्त मेजर रोड के साथ 2021 के प्लान में 71 प्रमुख सड़कें प्रस्तावित की गईं। 12 फीसदी सड़कें तो बनीं ही नहीं। 43 फीसदी सड़कें बनीं, वह भी अपेक्षित चौड़ाई की नहीं थीं।

शंकर नगर से सिविल लाइन, पुलिस लाइन, बूढ़ातालाब रोड होते हुए लाखे नगर चौक तक 30 मीटर यानी करीब 100 फीट की प्रस्तावित सड़क 2011 और 2021 के प्लान में शामिल था। यह सड़क अब तक नहीं बन पाई है और इसे इस प्लान में भी शामिल किया गया है। सदर बाजार, रेलवे स्टेशन से फाफाडीह चौक होते हुए शास्त्री चौक तक सड़क को 100 फीट चौड़ा करने का प्रस्ताव पिछले तीन प्लान में लगातार शामिल है।

2031 के प्लान में 116 मेजर रोड
मास्टर प्लान-2031 में 116 मेजर रोड का प्रस्ताव लाया गया है। इनमें से ज्यादातर सड़कें पुराने मास्टर प्लान से ली गई हैं। नए मास्टर प्लान में शहर की सीमा बढ़ाई जा रही हैं। इस आधार पर कुछ अतिरिक्त सड़कें प्रस्तावित की गई हैं, लेकिन पुराने प्लान के निरीक्षण से यह स्पष्ट है कि 50 फीसदी से ज्यादा सड़कें प्रस्ताव के अनुसार बन ही नहीं पाईं।

शहर की जरूरत और ट्रैफिक तथा डेवलपमेंट के आधार पर मास्टर प्लान में सड़कों का प्रस्ताव रखा जाता है। सड़कों के विकास से आसपास के क्षेत्रों की उपयोगिता भी निश्चित होती है। मास्टर प्लान के अनुसार कार्ययोजना तैयार कर उसे विकसित करने की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों और शासन की है। प्लान सभी विभागों और विशेषज्ञों के सलाह पर बनता है।

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