कौन हैं मलेशिया के नए प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम? पीएम मोदी ने दी बधाई…

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मलेशिया का नया प्रधानमंत्री चुने जाने पर सुधारवादी नेता अनवर इब्राहिम को गुरुवार को बधाई दी और कहा कि वह दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हैं।  

मलेशिया के सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह ने सुधारवादी विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम को गुरुवार को देश का नया प्रधानमंत्री घोषित किया।

इससे मलेशिया में खंडित जनादे‍श वाले आम चुनावों के बाद कई दिनों से जारी राजनीतिक अनिश्चितता का अंत हो गया।

सुल्तान ने कहा कि अनवर को गुरुवार शाम पांच बजे शाही महल में मलेशिया के दसवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी।

मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ”मलेशिया का प्रधानमंत्री चुने जाने पर अनवर इब्राहिम को बधाइयां। मैं भारत-मलेशिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के वास्ते साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।”     

मलेशिया के आम चुनाव में अनवर के नेतृत्व वाले गठबंधन पाकतन हरपन (उम्मीदों के गठबंधन) को सर्वाधिक 82 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

हालांकि, यह गठबंधन सरकार गठन के लिए जरूरी 112 सीटों के आंकड़े से काफी पीछे रह गया था।

चुनाव में मलय समुदाय से मिले अप्रत्याशित समर्थन के कारण पूर्व प्रधानमंत्री मुहीद्दीन का मलय-केंद्रित पेरिकटन नेशनल (राष्ट्रीय गठबंधन) 72 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहा था।

पैन-मलेशियन इस्लामिक पार्टी 49 सीटों पर जीत के साथ इस गठबंधन का सबसे बड़ा दल बनकर उभरी थी।

गतिरोध का समाधान उस समय हो गया, जब चुनाव में 30 सीटें जीतने वाले यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (यूएमएनओ) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने एक ऐसी एकता सरकार का समर्थन करने की सहमति जता दी, जिसका नेतृत्व अनवर के हाथों में होगा।

दोनों खेमों के बीच लंबे समय से जारी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते मलेशिया की राजनीति में कुछ समय पहले तक इस तरह के गठबंधन की कल्पना करना भी मुश्किल था।

कौन हैं अनवर इब्राहिम
1990 के दशक में अनवर मलेशिया के उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बनाए गए थे। उस समय के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद की जगह लेने के लिए उन्हें तैयार किया गया था।

हालांकि आर्थिक संकट को लेकर नाकामी के चलते 1998 में उन्हें सरकार से बाहर कर दिया गया। भ्रष्टाचार के आरोप में वह 1998 में जेल चले गए।

अनवर को जब कोर्ट पेश किया गया इसके बाद  पिटाई के चलते उनकी एक आंख काली हो गई। पीपुल्स  जस्टिस पार्टी ने इसी आंख को चुनाव चिह्न बना लिया। सिंगापुर के इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के ई सुन ओह ने कहा था कि अनवर का राजनीतिक संघर्ष नेल्शन मंडेला के स्तर का है। इस समय अनवर की उम्र 75 साल है। 

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