छत्तीसगढ़; मुखबिर की सूचना पर रात एक बजे नक्सल प्रभावित क्षेत्र बैजलपुर गई पेट्रोलिंग पार्टी, अज्ञात ट्रक की टक्कर से पुलिस गाड़ी क्षतिग्रस्त…

थाने से करीब 16 किमी दूर नक्सल प्रभावित बैजलपुर में पेट्रोलिंग गाड़ी को अज्ञात ट्रक टक्कर मारकर फरार हो गया।

घटना सोमवार- मंगलवार दरमियानी रात करीब डेढ़ बजे की है, गंभीर बात यह है कि घटना के वक्त थाना प्रभारी अपने क्वार्टर में सो रहे थे।

मुखबिर की सूचना पर पेट्रोलिंग पार्टी अज्ञात ट्रक को पकड़ने नक्सल प्रभावित एरिया में चली गई। घटना के बाद टीआई को इसका पता चला।

अज्ञात ट्रक की टक्कर से पेट्रोलिंग गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई है। मामले में पीड़ित प्रधान आरक्षक सोमनाथ मेरावी ने अपने ही थाने में घटना की एफआईआर दर्ज कराई है।

लेकिन एफआईआर स्पष्ट नहीं है। एफआईआर के मुताबिक पेट्रोलिंग टीम को यह सूचना मिली थी कि ट्रक चालक संदिग्ध अवस्था में तेज गति से पांडातराई से सिंघारी- बैजलपुर की ओर जा रहा है। लेकिन अज्ञात ट्रक में किस चीज की तस्करी हो रही थी, यह स्पष्ट नहीं बताया गया है।

नक्सल क्षेत्र होने के बावजूद बिना उच्चाधिकारी को सूचित किए पेट्रोलिंग टीम बैजलपुर पहुंच गई। पुलिया पर पेट्रोलिंग गाड़ी खड़ी कर अज्ञात ट्रक के आने का इंतजार करने लगे।

मामले में थाना प्रभारी व्यास नारायण चुरेन्द्र और पेट्रोलिंग पार्टी की लापरवाही भी सामने आई।

ट्रक रुका, तेजी से पीछे मुड़ा और पेट्रोलिंग गाड़ी को ठोका
कुछ देर बाद अज्ञात ट्रक बैजलपुर पुलिया के पास रुका। पेट्रोलिंग टीम को देखकर चालक ने ट्रक तेजी से पीछे की ओर मोड़ा, जिससे पेट्रोलिंग गाड़ी को जोरदार टक्कर लगी और क्षतिग्रस्त हो गया।

टक्कर के समय पेट्रोलिंग पार्टी अपने शासकीय वाहन से उतर गए थे। नहीं, तो बड़ा हादसा हो सकता था। बोड़ला टीआई व्यास नारायण चुरेन्द्र ने बताया आसपास सीसी कैमरे खंगाले गए, ट्रक का रजिस्ट्रेशन नंबर मिला है।

पेट्रोलिंग पार्टी में 4 सिपाही थे, हथियार के बिना ही गए
पेट्रोलिंग पार्टी में जिनके साथ यह घटना हुई, उसमें प्रधान आरक्षक और 3 अन्य आरक्षक थे। चारों ने हथियार भी नहीं रखा था।

संदिग्ध ट्रक चालक की सूचना पर जहां ये पुलिसकर्मी गए थे, वहां से तरेगांव जंगल 10 किमी दूरी पर है, जो कि घोर नक्सल क्षेत्र माना जाता है।

नक्सली एनकाउंटर भी हो चुके हैं, इसलिए तरेगांव जंगल थाने के सभी स्टाफ को हथियार भी दिए हैं। ये चारों प्रोटोकॉल तोड़कर बिना हथियार लिए चले गए थे।

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