सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों ने एक्सीडेंट में घायल मरीज को जटिल सर्जरी कर बचाया…

धरती के दूसरे भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने एक बार फिर कमाल दिखाया है।

सर गंगा राम अस्पताल (Sir Ganga Ram Hospital) के डिपार्टमेंट ऑफ़ प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सर्जरी में दिल्ली का एक 20 वर्षीय मरीज समीर इलाज के लिए पंहुचा, जिसे बाइक चलाते समय बड़ी सड़क दुर्घटना (Road Accident) का सामना करना पड़ा था।

पहली बार मरीज की हालत देखकर तो डॉक्टर भी परेशान हो गए, लेकिन जल्दी- जल्दी काम पर लग कर डक्टरों ने युवक की जान बचा ली।

सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली के डिपार्टमेंट ऑफ़ प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सर्जरी के सीनियर कंसलटेंट डॉ. भीम सिंह नंदा के अनुसार, “जब हम मरीज के पास पहुंचे तो उसकी हालत बहुत अधिक खराब थी। उसे  सिर और जबड़ों (मैक्सियो-फेशियल/ maxio-facial) में गंभीर चोट लगी थी। जबड़े के टेम्पोरो-मैंडीबुलर जोड़ (Temporo-Mandibular Joint) के खिसकने के साथ-साथ चेहरे पर लगभग 16 मुख्य हड्डियों और सिर में  फ्रैक्चर थे। मुंह की हड्डियां चूर-चूर हो गई थीं। जीभ दो टुकड़ो में कटी हुई थी।” 
 
दस डॉक्टरों की टीम ने किया सर्जरी
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सर्जरी और न्यूरो सर्जन की 10 डॉक्टरों की एक संयुक्त टीम बनाई गई। मरीज को तुरंत पुनर्जीवित करने के लिए जीवन रक्षक उपाय के रूप में  कृत्रिम श्वास नली को डाला गया।

वहीं डॉ. श्रेय जैन, कंसलटेंट, न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट, सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली  ने बताया, “मरीज के स्थिर होने के बाद, चोटों की स्थिति का पता लगाने के लिए तुरंत मल्टीपल स्कैन किए गए।

हमारी टीम ने सिर की चोटों का पता लगाया और उसी के अनुसार दवाएं शुरू कर दी।”मरीज के चेहरे पर गंभीर चोटें थीं और कई फ्रैक्चर इस हद तक थे कि चेहरे की हड्डियां कुचल गईं और छोटे टुकड़ों में बदल गईं।

डॉ.नंदा ने कहा, “यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण और जटिल मामला था। मरीज के चेहरे को सफल एवं अच्छा रूप देने के लिए बहुत सारी पूर्व प्लानिंग की आवश्यकता थी।”

मरीज  को सर्जरी के लिए ले जाया गया और चेहरे की त्वचा पर कोई अतिरिक्त कटौती किए बिना (निशान कम करने के लिए) सारे फ्रैक्चर ठीक कर दिये गये।

फिर सभी फ्रैक्चर और जोड़ों को अपनी जगह पर फिट कर दिया गया। इसके बाद एक-एक करके सभी फ्रैक्चर को शुद्ध टाइटेनियम मिनी प्लेट और स्क्रू का उपयोग करके ठीक किया गया।

इस प्रक्रिया में लगभग छह प्लेट और दो दर्जन स्क्रू का इस्तेमाल किया गया था। फिर उसकी जीभ और निचले और ऊपरी होंठ, नाक और पलकों सहित अन्य सभी कोमल टिश्यू (tissue) की चोटों की मरम्मत की गई।

आठ घंटे तक चली सर्जरी रही सफल
यह एक सफल सर्जरी थी, जिसमें कम से कम खून की कमी के साथ लगभग 8 घंटे लगे। इसमें 12 डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम शामिल थी।

सर्जरी के बाद चेहरे का अच्छा रूप एवं सफल परिणाम के साथ मरीज अब स्थिर है।

सफल सर्जरी के बाद मरीज पहली बार मुस्कुराया, बातचीत भी की और मुंह से तरल आहार लेने में सक्षम हुआ। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *