सैयद जावेद हुसैन, (सह संपादक), छत्तीसगढ़:
धमतरी- शहर की चरमराई हुई यातायात व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है, यहां रोजाना यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए फर्राटेदार वाहन देखे जे सकते हैं।
जिन पर यातायात का कोई डर नजर नहीं आ रहा। नियमों को तोड़कर वाहन चलाने वालों की वजह से लगातार सड़क दुर्घटनाएं हो रहीं हैं, जिसने यहां के लोगों के दिलों में दहशत भर दी हैं।
बीते माह जिले भर में कुल 36 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 14 लोगों ने जानें गंवा दी हैं और 28 घायल हो चुके हैं।
ये आंकड़े पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जबकि लगभग इतने ही मामले थाने पहुंचने से पहले से आपस में सुलझा लिए जाते हैं, या कई लोग शिकायत ही नही करते।
बीते 10 दिनों में शहर व आसपास ही कुल 7 दुर्घटनाओं में 2 लोग काल के गाल में समा गए, जबकि 6 लोग घायल हुए, जिनमे से कुछ की गंभीरता को देखते हुए रायपुर रेफर भी किया गया है।
इन हादसों की मुख्य वजह यातायात विभाग में पर्याप्त बल की कमी भी मानी जा रही है, और जो बल है वो व्यवस्था से ज्यादा वसूली में ध्यान दे रहा है।
पुलिस सूत्र के मुताबिक इन दिनों शहर के एंट्री एक्जिट पॉइंट्स में यातायात की कुछ टीमें ग्रामीण क्षेत्र व बाहर के वाहनों में टिकली चिपकाने में जुटी हुई है, हर टिकली के ₹300 से ₹500 वसूले जा रहे हैं, जिनमे से ₹200 रुपया प्रत्येक टिकली का एक बड़े अधिकारी तक पहुंचाया जा रहा है, जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है।
विगत दिनों यातायात सप्ताह के दौरान बहुत से जागरूकता अभियान चलाए गए, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक कर यातायात के नियमों का पालन करने की अपील की गई, लेकिन वो सारे प्रयास भूल शहर की सड़कों में खासकर दुपहिया वाहन चालक नियमों की धज्जियां उड़ाते घूमते देखे जा सकते हैं, उन दुपहिया सवारों में यातायात पुलिस की कार्यवाही का जरा भी डर नही रहा। क्योंकि शहर के अंदर नियमतः कार्यवाही नही की जा रही जिससे ऐसे दुपहिया सवारों का हौसला और बढ़ता जा रहा है, जो सड़क दुर्घटनाओं का सबब बन रहा है। इससे निबटने यातायात पुलिस को थोड़ा सख्त रवैया अपनाना होगा।
दुकानों से बाहर सामान फैलाकर व्यापार करने वाले व ठेले वालों पर की गई कार्यवाही…
शुक्रवार को यातायात, निगम, पीडब्ल्यूडी व सामान्य प्रशासन विभाग की संयुक्त टीम ने स्थानीय रत्नाबांधा चौक से जिला अस्पताल मोड़ तक सड़क किनारे लगे ठेले, व बाहर तक सामान फैलाकर व्यापार करने वाले 20 दुकानों के संचालकों से ₹16000 चालान वसूला गया।