इस्तांबुल/दमिश्क. तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 5000 से अधिक हो गई है। दोनों पड़ोसी देशों में भारी बारिश और हिमपात के बीच बचाव दलों को पीड़ितों को मदद पहुंचाने और मलबे में दबे लोगों को निकालने में काफी परेशानी हो रही है। बीबीसी ने बताया कि मंगलवार सुबह तक, तुर्की में मरने वालों की संख्या 3381 थी, जबकि सीरिया में 1,451. तुर्की में 24 घंटों में पांच बार तेज कंपन हो चुकी है। इससे पहले मंगलवार सुबह ताईवान में भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। रेक्टर स्केल पर तीव्रता 5.1 मापी गई है।
तुर्की के डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट अथॉरिटी (एएफएडी) के अनुसार, कम से कम 15,834 लोग घायल हुए हैं, जबकि 7,840 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया। तबाही के इस मंजर के बाद पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई समेत लगभग सभी इस्लामिक देशों ने तुर्की और सीरिया को मदद की पेशकश की है.
सऊदी अरब ने कही ये बात
सोमवार की सुबह सीरिया और तुर्की की सीमा पर आए भूकंप के बाद सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के प्रति अपनी एकजुटता और सहानुभूति व्यक्त की. सऊदी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि सऊदी अरब आपदा प्रभावित क्षेत्र में स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एएफएडी ने यह भी कहा कि कम से कम 5,606 इमारतें नष्ट हो गई। कुल 14,720 लोग मदद पहुंचाने का काम कर रहे हैं जिसमें सैन्यकर्मी भी शामिल हैं। तुर्की के दक्षिणी प्रांत कहरामनमारस में सोमवार सुबह 4.17 बजे विनाशकारी 7.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके कुछ मिनट बाद गजियांटेप प्रांत में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने कहा कि 7.8 तीव्रता के भूकंप का केंद्र गजियांटेप में नूरदगी से 23 किमी पूर्व में 24.1 किमी की गहराई में था। लगभग 1.30 बजे, 7.5 तीव्रता का एक और झटका कहरामनमारस में आया, जिसके बारे में अधिकारियों ने कहा कि यह आफ्टरशॉक नहीं था।
पूरे दिन में 60 से अधिक झटके महसूस किए गए
सीएनएन ने सरकारी समाचार एजेंसी सना के हवाले से कहा कि सीरिया में सरकार के नियंत्रण वाले इलाकों में कुल मिलाकर 711 मौतें दर्ज की गईं, जिनमें से ज्यादातर अलेप्पो, हमा, लताकिया और टार्टस के क्षेत्रों में दर्ज की गईं। व्हाइट हेल्मेट्स समूह, जिसे आधिकारिक तौर पर सीरिया नागरिक सुरक्षा के रूप में जाना जाता है, ने विपक्ष-नियंत्रित क्षेत्रों में 740 मौतों की सूचना दी।
बीबीसी ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि दोनों देशों में बचाव अभियान अभी भी जारी है। भूकंप के केंद्र के पास तुर्की के उस्मानिया शहर में, भारी बारिश से बचाव कार्य प्रभावित हुआ। तबाही के बाद शहर में बिजली भी गुल है।
भूकंप से तुर्की के तीन हवाई अड्डों को भी काफी नुकसान पहुंचा है, जिससे राहत और बचाव कार्य में कई चुनौतियां आ रही हैं। कई देशों ने प्रभावित क्षेत्र की मदद के लिए बचावकर्मियों को भेजा है और समर्थन की पेशकश की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने तुर्की समकक्ष रेसेप तैयप एर्दोगन से बात की और हर संभव मदद देने का भरोसा दिया।
भारत ने सोमवार को घोषणा की कि विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें प्रभावित क्षेत्रों में गई हैं। आवश्यक दवाओं के साथ मेडिकल टीमें भी तैयार की जा रही हैं। तुर्की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास और इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास के तालमेल से राहत सामग्री भेजी जाएगी।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने बचाव दल और आपातकालीन चिकित्सा सामग्री तुर्की भेजने का आदेश जारी किया। यूरोपीय संघ तुर्की में खोज और बचाव दल भेज रहा है, जबकि नीदरलैंड और रोमानिया के बचावकर्मी पहले से ही रवाना हो चुके हैं। ब्रिटेन ने कहा है कि वह 76 विशेषज्ञ, उपकरण और खोजी कुत्ते भेजेगा।
फ्रांस, जर्मनी और इजराइल ने भी मदद करने का वादा किया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की और सीरिया दोनों को मदद की पेशकश की है। ऑस्ट्रेलिया ने 10 मिलियन डॉलर की सहायता राशि तुर्की को देने का वादा किया है।
तुर्किये: 1939 में आया था 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप
इससे पहले तुर्किये में वर्ष 1939 में 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसमें 32 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। स्थानीय समयानुसार सुबह करीब सवा चार बजे आए भूंकप का मुख्य केंद्र तुर्किये के गजियांटेप प्रांत में नूरदगी से 23 किलोमीटर दूर पूर्व में रहा।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने संवेदना व्यक्त की
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में जान गंवाने वाले पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, “पाकिस्तान के लोग तुर्की और वहां के लोगों के प्रति भाईचारा रखते हैं. इस आपदा से उबारने के लिए पाकिस्तान तुर्की सरकार और वहां के नागरिकों को हरसंभव मदद करेगी.”
यूएई ने भी मदद की पेशकश की
यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान ने भी जानलेवा भूकंप के बाद सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद और तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन से फोन पर बातचीत की. उन्होंने दोनों देशों के राष्ट्रपति और दोनों देशों के नागरिकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और सहायता प्रदान करने की पेशकश की.
कुवैत, मिस्र और फिलीस्तीन ने संवेदना व्यक्त की
कुवैत के अमीर नवाफ अल-सबा ने राष्ट्रपति अर्दोआन को एक पत्र लिखकर घायलों के जल्द ही ठीक होने की कामना करते हुए राष्ट्रपति और पीड़ितों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की. मिस्र के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए में तुर्की और सीरिया के प्रति अपनी संवेदना और एकजुटता व्यक्त की. इसके अलावा सहायता प्रदान करने की भी पेशकश की. फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने भी तुर्की और सीरिया के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.
इस्लामिक सहयोग संगठन ने सदस्य देशों की बुलाई बैठक
इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भी तुर्की और सीरिया में आए जानलेवा भूकंप पर शोक व्यक्त किया है. ओआईसी के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने राहत बचाव कार्यों में योगदान देने के लिए सभी सदस्य देशों और संबंधित संस्थानों की बैठक बुलाई है.