मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर चुप क्यों है कांग्रेस? राबड़ी देवी के घर पहुंची CBI तो खुल गया राज…

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर राजनीति थमी नहीं और इधर बिहार में सियासी बवाल शुरू हो गया।

राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर CBI का पहुंचकर पूछताछ करना चर्चा का विषय बन गया। अब इस एक्शन पर कांग्रेस के रिएक्शन के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

दरअसल, कांग्रेस सिसोदिया की गिरफ्तारी पर चुप रही, लेकिन राबड़ी के खिलाफ हुई कार्रवाई पर केंद्र सरकार को जमकर घेरा।

सोमवार को सीबीआई जमीन के बदले नौकरी मामले की जांच के लिए राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची थी।

कहा जा रहा है कि मंगलवार को जांच एजेंसी पूर्व सीएम और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव से भी पूछताछ कर सकती है।

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, ‘जो विपक्षी नेता भाजपा के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं, उन्हें ED-CBI के जरिये प्रताड़ित किया जा रहा है।

राबड़ी देवी जी को परेशान किया जा रहा है। लालू प्रसाद जी व उनके परिवार को वर्षों से प्रताड़ित किया जा रहा है, क्योंकि वे झुके नहीं। भाजपा विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है।’

JD(U) की चुप्पी
खास बात है कि सिसोदिया से लेकर राबड़ी तक बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन की मुखिया जनता दल यूनाइटेड चुप्पी साधती नजर आई। पार्टी ने न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखे पत्र पर हस्ताक्षर किए और न ही राष्ट्रीय जनता दल नेता के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया दी।

सिसोदिया पर चुप क्यों रही कांग्रेस
कांग्रेस ने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षों सोनिया गांधी और राहुल गांधी से हुई ED की पूछताछ पर AAP की चुप्पी का जिक्र किया। प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘हम बिल्कुल भी कन्फ्यूज नहीं हैं।

हमारा मत साफ है। हम राबड़ी देवी के खिलाफ हुई कार्रवाई की निंदा करते हैं, क्योंकि यह कोई संयोग नहीं है कि 2014 के बाद ईडी के मामले चार गुना हो गए और 95 फीसदी मामले विपक्ष के खिलाफ हैं…।’

सिसोदिया की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा, ‘जब एजेंसियां विपक्ष के पीछे जाती हैं, तो फिर चाहे हमारे नेता हों या बिहार या महाराष्ट्र के नेताओं को खिलाफ बात हो। आम आदमी पार्टी एक शब्द नहीं कहती।

वे क्यों नहीं बोलते? उन्हें तय करना होगा कि वह भाजपा की बी-टीम हैं या विपक्ष में हैं। अगर आप विपक्ष में हैं… तो आपको हर मुद्दे पर विपक्ष के साथ खड़ा होना होगा।’

उन्होंने कहा, ‘जब ईडी हमारे नेताओं के खिलाफ साजिश कर रही थी, तो पूरा विपक्ष हमारे साथ था। लेकिन जब पूरा विपक्ष हमारे साथ था, तो क्या यह पूछा गया कि आम आदमी पार्टी कहा थी? जब तब राष्ट्रपति को पत्र भेजा गया था, तो पूरे विपक्ष ने साइन किए थे।

आप ने क्यों नहीं किए? ऐसा नहीं हो सकता कि जब हमारे साथ कुछ हो और आप चुप रहे हैं और जब आपके साथ कुछ हो, तो हम कुछ कहें…।’

कांग्रेस ने आप को ही घेरा
इधर, कांग्रेस भी आप पर ही सवाल उठाती नजर आ रही है। श्रीनेत ने कहा कि जब दिल्ली कोविड की दूसरी लहर का सामना कर रही थी, तब आबकारी नीति तैयार की गई।

उन्होंने कहा, ‘अगर वह नीति वापस नहीं ली गई होती, तो हर घर में शराब की दुकान होती, जिससे अराजकता फैलती और इससे महिलाओं की सुरक्षा पर असर होता।’

AAP ने कांग्रेस पर उठाए थे सवाल
विपक्षी एकता की अपील करती नजर आ रही कांग्रेस पीएम के नाम लिखे पत्र में कांग्रेस शामिल नहीं रही। आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘अगर आप इतिहास देखेंगे, तो पाएंगे कि कांग्रेस कभी भी विपक्ष के साथ नहीं खड़ी रही। जब भी राष्ट्रीय मुद्दों पर आवाज उठाने की बात आती है, तो कांग्रेस गायब रहती है। वे आज भी उसी तरह नदारद रहे।’

उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया जानती है कि सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है। कांग्रेस, जो खुद को बड़ा भाई मानती है औऱ कहती है कि अगर कोई विपक्षी एकता हुई, तो वह उसका नेतृत्व करेगी। ऐसे में उसे विपक्षी दलों से बात करनी चाहिए।’ भारद्वाज ने सवाल किया, ‘कहा हैं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी?’

पीएम को इन नेताओं ने लिखा पत्र
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद करीब 9 विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाए थे। इनमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब सीएम भगवंत मान, जम्मू और कश्मीर के पूर्व सीएण फारूक अब्दुल्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव का नाम शामिल है।

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