तेलंगाना में होगा गांधी परिवार vs केसीआर, प्रियंका पर बड़ा दांव लगाएगी कांग्रेस; समझें प्लान…

कर्नाटक के बाद अब एक और दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में एक जीत से उत्साह में कांग्रेस अब दूसरा राज्य गांधी परिवार के सहारे जीतने की तैयारी कर रही है।

खबर है कि पार्टी मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर के खिलाफ महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को मुख्य चेहरा बना सकती है। इसे लेकर कांग्रेस में बैठकों का दौर भी जारी है।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना कांग्रेस के नेता प्रियंका से मुलाकात कर उन्हें योजना भी बता चुके हैं।

कांग्रेस नेता चाहते हैं कि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी यह सुनिश्चित करें कि घोषणापत्र में किए गए वादे पूरे किए जाएंगे। खबर है कि प्रियंका तेलंगाना में 7 या 10 दिनों की पदयात्रा भी कर सकती हैं।

राज्य में साल के अंत तक चुनाव हो सकते हैं।

रिपोर्ट में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के नेता के हवाले से बताया गया, ‘जिस पार्टी कांग्रेस ने तेलंगाना राज्य के गठन पर मुहर लगाई, प्रियंका लोगों से उस कांग्रेस को एक मौका देने के लिए कहेंगी।

साथ ही वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से किए गए वादों को पूरा करने की गारंटी भी देंगी।’ फिलहाल, राज्य में भारत राष्ट्र समिति की सरकार है।

दरअसल, यह कहा जा रहा है कि तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि युवाओं और किसानों के लिए सिर्फ योजनाओं के ऐलान से काम नहीं चलेगा।

वे केसीआर के सामने चुनौती पेश करने के लिए प्रियंका गांधी जैसा मजबूत चेहरा चाहते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि तेलुगू मतदाता सिर्फ पार्टी की विचारधारा या योजनाओं से नहीं,  बल्कि मजबूत नेताओं से प्रभावित होते हैं।

तेलंगाना में लग चुका कांग्रेस को झटका
बीते साल ही मुनुगोडे उपचुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लग चुका है। उस दौरान केसीआर की पार्टी के उम्मीदवार ने 10 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी।

जबकि, कांग्रेस की जमानत तक जब्त हो गई थी। उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी। खास बात है कि कांग्रेस विधायक के ही दल बदल के चलते सीट पर उपचुनाव हुए थे।

कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में सक्रिय रहीं प्रियंका
हाल ही में कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में बड़ी जीत मिली है। दोनों ही राज्यों में पार्टी ने सरकार बनाने में सफलता हासिल की।

अब खास बात है कि इन राज्यों में प्रियंका गांधी की भूमिका काफी सक्रिय रही। हिमाचल प्रदेश जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर खड़े हुए तनाव को खत्म करने में भी कांग्रेस महासचिव का बड़ा रोल माना जाता है।

हालांकि, उत्तर प्रदेश उपचुनाव में भी कांग्रेस ने प्रियंका को ही मुख्य चेहरा बनाया था। तब 399 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी कांग्रेस केवल 2 पर ही जीत हासिल कर सकी थी।

इतना ही नहीं 387 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई थी।

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