यूक्रेन के 15 लाख लोगों को रूस ने दिए पासपोर्ट, विलय वाले इलाकों में किया मजबूत कब्जा…

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को करीब डेढ़ साल का वक्त होने वाला है।

इस दौरान यूक्रेन के कई शहर तबाह हो गए और अब भी राजधानी कीव तक में लोग डर के साये में रह हैं। इस बीच मंगलवार को जंग और तेज हो गई, जब पहली बार रूस की राजधानी मॉस्को की कई हाईप्रोफाइल इमारतों पर यूक्रेन ने ड्रोन से अटैक करा दिया।

फिर क्या था भड़के रूस ने भी यूक्रेन में 24 घंटे के अंदर तीन हवाई हमले कर दिए। इस तरह दोनों देशों के बीच जंग फिर से तेज हो गई है।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन की ओर से 8 ड्रोन भेजे गए थे, जिनके जरिए नागरिकों को निशाना बनाने की प्लानिंग थी, लेकिन इन्हें मार गिराया गया। 

यूक्रेन के दुस्साहस से रूस किस कदर भड़का है। इसे इस बात से भी समझ सकते हैं कि उसने दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद इसे अपने ऊपर सबसे बड़ा अटैक करार दिया है।

साफ है कि आने वाले दिनों में यूक्रेन पर उसकी ओर से हमले और तेज हो सकते हैं। हालांकि रूस चुपचाप ही एक और रणनीति पर काम कर रहा है।

दरअसल जंग के बाद रूस ने डोनेत्स्क, लुहान्स्क, जापोरिज्जिया और खेरसोन के कई इलाकों का अपने में विलय कर लिया था। अब इन इलाकों के 15 लाख लोगों को उसने रूसी पासपोर्ट भी जारी कर दिया है।

रूस के पीएम मिखाइल मिसुस्तिन ने कहा कि यूक्रेन के इन 4 इलाकों का विलय बीते साल सितंबर में विलय किया गया था। इन इलाकों पर अब तक रूस का पूरी तरह कंट्रोल नहीं है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इसको मान्यता नहीं दी है।

फिर भी रूस ने बीते साल अक्टूबर से ही इस इलाके में अपना दखल बढ़ा रखा है। यहां तक कि 15 लाख लोगों को उसने पासपोर्ट भी जारी कर दिए हैं।

यही नहीं 16 लाख लोगों को रूस की तरफ से पेंशन जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। कई सामाजिक योजनाओं के लिए भी 15 लोगों के नाम शामिल किए गए हैं। 

फिनलैंड की नाटो में एंट्री के बाद से और तेज है जंग

गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग सिर्फ दो देशों के बीच ही सीमित नहीं है। 31 सदस्य देशों वाले नाटो की ओर से यू्क्रेन को हथियारों की भी मदद की जा रही है। इसके चलते रूस और भड़का हुआ है।

यही नहीं उसने तो इस जंग के विश्व युद्ध में भी तब्दील होने की धमकी दी है। बता दें कि हाल ही में फिनलैंड ने भी नाटो की मेंबरशिप ली है, जो रूस के साथ 1200 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।

इसके चलते भी रूस आक्रामक हुआ है और वह अपने पड़ोसी देशों के नाटो में शामिल होने को अपने लिए खतरा मानता है।

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