मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नागर विमानन मंत्री भारत सरकार ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया को लिखा पत्र…

बिलासपुर नगर को उड़ान -5 योजना में जोड़ने हेतु शीघ्र कार्यवाही करने का किया अनुरोध।

केंद्र द्वारा उड़ान-5 योजना में बिलासपुर को शामिल नहीं किए जाने की जानकारी मिलने पर लिखा पत्र।

बिलासपुर एयरपोर्ट में नियमित हवाई सेवा आरंभ करने के उद्देश्य से टर्मिनल भवन, रनवे विस्तार, सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था पर राज्य के बजट से व्यय किए गए 45 करोड़ रुपये।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नागर विमानन मंत्री भारत सरकार ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया को पत्र लिखकर उनसे छत्तीसगढ़ के बिलासपुर नगर को उड़ान -5 योजना में जोड़ने हेतु शीघ्र कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। ताकि अंचल के लोगों को देश के अन्य भागों में आने-जाने की सुविधा मिले और क्षेत्र के आर्थिक विकास में सहायता मिल सके।

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि यह जानकारी प्राप्त हुई है कि केन्द्रीय विमानन मंत्रालय ने बिलासपुर नगर को उड़ान -5 योजना में शामिल नहीं किया है। बिलासपुर अंचल के लोगों में केंद्र सरकार के इस निर्णय से निराशा एवं रोष व्याप्त है। मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में उल्लेख किया है कि बिलासपुर राज्य का दूसरा महत्वपूर्ण नगर है। राज्य का उच्च न्यायालय बिलासपुर में स्थित होने के कारण भी यहां नियमित हवाई सेवा की सुविधा उपलब्ध कराया जाना अत्यंत आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी लिखा है कि राज्य सरकार द्वारा डी.जी.सी.ए. तथा केन्द्रीय विमानन मंत्रालय के परामर्श से बिलासपुर एयरपोर्ट में नियमित हवाई सेवा आरंभ करने के उद्देश्य से टर्मिनल भवन, रनवे विस्तार, सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था इत्यादि व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने राज्य के बजट से 45 करोड़ रुपये व्यय किया जा चुका है।

राज्य सरकार के अथक प्रयासों से बिलासपुर को देश के एयर लिंक से जोड़ा गया तथा वहां से जबलपुर, नई दिल्ली, प्रयागराज, इन्दौर इत्यादि हेतु हवाई सेवाएं प्रारम्भ की गयी थी। बिलासपुर आने एवं जाने वाले सभी विमानों में यात्रियों की संख्या उत्साहवर्धक थी किन्तु अज्ञात कारणों से बाद में इन्दौर की विमान सेवा बन्द कर दी गयी।

मुख्यमंत्री बघेल ने नागर विमानन मंत्री सिंधिया से पत्र में अनुरोध किया है कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर नगर को उड़ान -5 योजना में जोड़ने हेतु शीघ्र कार्यवाही करें ताकि अंचल के लोगों को देश के अन्य भागों में आने-जाने की सुविधा मिले और क्षेत्र के आर्थिक विकास में सहायता मिल सके।

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