NATO देशों पर हमले की ताक में वैगनर, प्राइवेट आर्मी को बेलारूस भेजना कैसे पुतिन का मास्टर प्लान…

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाला वैगनर ग्रुप अब NATO पर स्ट्राइक की फिराक में है।

रूसी राजनेता व पूर्व सैन्य अधिकारी ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा कि वैगनर के लड़ाके बेलारूस से पोलैंड और लिथुआनिया जैसे नाटो देशों पर हमला कर सकते हैं।

एंड्री कार्तपोलोव ने कहा कि निजी सैन्य कंपनी अपने नए ठिकाने से कुछ ही घंटों में पोलैंड और लिथुआनिया के सीमा क्षेत्र को निशाना बना सकती है।

हालांकि इसे लेकर अभी तक वैगनर चीफ, बेलारूस या फिर रूस की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

मालूम हो कि बेलारूस यूरोप के रणनीतिक लिहाज से अहम चौराहे पर स्थित है। यह यूक्रेन के अलावा पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया जैसे नाटो देशों की सीमा से लगा हुआ है।

यहां के सुवालकी कॉरिडोर की लोकेशन भी काफी मायने रखती है। एंड्री कार्तपोलोव ने टीवी कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘एक स्ट्राइक फोर्स कुछ ही घंटों में इस कॉरिडोर पर कब्जा करने के लिए तैयार है।’

वहीं, डीआईए के पूर्व खुफिया अधिकारी रिबका कॉफलर ने कहा कि यह कदम यूक्रेन युद्ध में एक और मोर्चा खोलने जैसा होगा, जो कि व्लादिमीर पुतिन की योजना का हिस्सा हो सकता है।

वैगनर को बेलारूस भेजना पुतिन की प्लान का हिस्सा
रिबका कॉफलर ने कहा कि वैगनर लड़ाकों को नई जगह पर भेजना पुतिन के मास्टर प्लान का हिस्सा था। इसके जरिए वह बेलारूस में सेंकड फ्रंट खोलना चाहते हैं।

इस तरह पुतिन ने प्रिगोझिन के तख्तापलट की आड़ में वैगनर लड़ाकों को और भी खतरनाक लोकेशन पर शिफ्ट कर दिया है। यहां से यूक्रेन के कीव और NATO देशों लातविया, लिथुआनिया की दूरी बहुत अधिक नहीं है। मॉस्को की ओर से अमेरिका और नाटो देशों के हर कदम पर पैनी नजर रखी जा रही है।

अगर वैगनर ग्रुप की ओर से नाटो के खिलाफ कोई ऐक्शन लिया गया तो स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसा संभव है कि अमेरिका इस पर कड़ा रुख अख्तियार करे।

वैगनर लड़ाकों का बेलारूस में आना जारी
रूस की निजी सेना वैगनर समूह के कुछ और लड़ाके बेलारूस में दाखिल हुए हैं। पिछले महीने अल्पकालिक बगावत के बाद पूर्व-सोवियत राष्ट्र में लड़ाकों का आना जारी है। बेलारूस में सैनिकों की गतिविधियों पर नजर रखने वाले बेलारूसी कार्यकर्ता समूह बेलारूस्की हाजुन इसे लेकर जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि रूसी झंडे और वैगनर के प्रतीक चिह्न वाले ध्वज के साथ करीब 20 वाहनों का काफिला सोमवार को देश में दाखिल हुआ।

यह समूह उस क्षेत्रीय शिविर की ओर जा रहा था जिसे बेलारूसी अधिकारियों ने वैगनर को देने की पेशकश की थी। बेलारूसी समूह ने कहा कि पिछले सप्ताह से देश में दाखिल होने वाला वैगनर का यह तीसरा काफिला है।

वैगनर-पुतिन के बीच बेलारूस ने कराया समझौता
पिछले महीने वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन की बगावत को खत्म करने के समझौते में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने मध्यस्थता की थी।

उन्होंने कहा कि उनके देश की सेना भाड़े के सैनिकों के युद्ध अनुभव से लाभान्वित हो सकती है। बेलारूस के सरकारी टीवी ने असिपोविची क्षेत्र के फायरिंग रेंज में बेलारूसी क्षेत्रीय रक्षा बलों को प्रशिक्षित करने वाले वैगनर प्रशिक्षकों का वीडियो प्रसारित किया, जहां वैगनर को दिया गया एक शिविर स्थित है।

प्रिगोझिन ने 23 जून को रूस से बगावत की थी। 24 घंटे से भी कम समय में उनके सैनिक दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में घुस गए और वहां के सैन्य मुख्यालय पर कब्जा कर लिया था।

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