दिल्ली में यमुना फिर उफान पर, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में हिंडन की बाढ़ से कोहराम; UP में 13 जिलों पर असर…

दिल्ली के राजघाट, कश्मीरी गेट और आईटीओ जैसे इलाकों से भले ही यमुना का पानी उतर गया है, लेकिन आफत अभी खत्म नहीं हुई है।

पूरे साल मंद रफ्तार से बहने वाली यमुना इन दिनों उफनाई हुई है और एक बार फिर से जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।

इसके चलते लोहा पुल को रविवार रात 10 बजे बंद करने का ऐलान करना पड़ा। यमुना में खतरे का निशान समुद्र तल से 205.33 मीटर माना जाता है, जबकि फिलहाल जलस्तर 206.56 मीटर है।

रविवार शाम को दिल्ली और आसपास के कई इलाकों में बारिश होने से भी हालात बदले हैं और यमुना में पानी फिर से बढ़ गया है। 

रविवार को भी प्रशासन ने निचले इलाकों में लोगों को ना जाने की सलाह दी। इसके अलावा ऐसे लोग जो अब भी अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं, उनसे निकलने की अपील की गई है।

दिल्ली और शाहदरा तो जोड़ने वाले पुराने पुल को बंद करने के साथ ही कई ऐहतियात बरती गई हैं। इस बीच दिल्ली के अलावा नोएडा और गाजियाबाद के भी निचले इलाके हिंडन की बाढ़ में जूझ रहे हैं।

हिंडन भी यमुना की ही सहायक नदी है, जो सहारनपुर के पास  शिवालिक रेंज में शाकंभरी से निकलती है। इस नदी में भी जलस्तर बढ़ा हुआ है। इसके चलते गाजियाबाद के मोहन नगर के पास स्थित करहैड़ा में पानी भर गया।

गाजियाबाद और नोएडा में भी बढ़ा संकट, सैकड़ों परिवार मुश्किल में

यहां से सैकड़ों परिवारों को घर खाली करके निकलना पड़ा है। यही नहीं आगे जाकर अकबरपुर बहरामपुर, कनावनी, चोटपुर और ग्रेटर नोएडा के भी निचले इलाकों में पानी भर गया है।

नोएडा का प्रशासन भी मुस्तैद है और लोगों को निचले इलाकों से निकलने की सलाह दी गई है। दरअसल गाजियाबाद और नोएडा के करीब बड़ी संख्या में अवैध कॉलोनियां ऐसी हैं, जो हिंडन नदी की तलहटी पर ही बसाई गई हैं।

ऐसे में यहां अकसर बाढ़ आने पर संकट पैदा हो जाता है। हिंडन और यमुना के अलावा गंगा में भी जलस्तर बढ़ा है, जिससे निचले इलाकों में परेशानी बढ़ी है।

गंगा और यमुना में उफान से UP के 13 जिलों पर असर

गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में इजाफा होने से यूपी के कुल 13 जिले प्रभावित हैं। बीते 24 घंटों में भारी बारिश के चलते 4 लोगों की मौत भी हुई है।

अलीगढ़, बदायूं, बिजनौर, फर्रूखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, कासगंज, नोएडा, सहारनपुर, शाहजहांपुर, शामली जिलों के 331 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक 25 हजार से ज्यादा लोगों के बचाव के लिए कुल 61 शेल्टर बनाए गए हैं। रिलीफ कमिश्नर के मुताबिक 4 लोगों की मौत भी हुई है, जिनमें से एक ही सांप काटने से हुई है।

इसके अलावा तीन लोगों की बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में मौत हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक बदायूं और फतेहगढ़ में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

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