असम कांग्रेस के नेताओं संग पार्टी आलाकमान की बैठक, लोकसभा चुनाव को लेकर बनी खास रणनीति…

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को पार्टी की असम इकाई के नेताओं के साथ बैठक की।

इस दौरान अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में चर्चा की गई।

पार्टी मुख्यालय में हुई इस बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, पार्टी महासचिव व असम प्रभारी जितेंद्र सिंह, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा, सांसद गौरव गोगोई, अब्दुल खालिक और कई अन्य नेता मौजूद थे।

बैठक के बाद खरगे ने ट्वीट किया, ‘असम में कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। हम संगठन को फिर से मजबूत कर रहे हैं।

सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को लोगों तक पहुंचना चाहिए और भाजपा के कुशासन व अक्षमता को उजागर करना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने असम का निर्माण किया और राज्य में शांति, प्रगति और कल्याण सुनिश्चित किया।

असम प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ रणनीति बैठक में राज्य के सामने आने वाले कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

पूर्वोत्तर में कांग्रेस के हाथ खून से सने: सीएम हिमंत
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस असम की कुल 14 सीट में से सिर्फ 3 जीतने में सफल रही थी। दूसरी ओर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर में कांग्रेस के हाथ खून से सने हुए हैं।

उन्होंने काह कि पिछले 75 वर्षों में कांग्रेस के किसी भी प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के जख्मों पर मरहम नहीं लगाया। संसद में पेश अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए शर्मा ने कहा, ‘पूर्वोत्तर में तनाव की स्थिति कांग्रेस की गलत नीतियों की वजह से पैदा हुई है।’

हिमंत ने आरोप लगाया, ‘जहां तक पूर्वोत्तर का सवाल है, कांग्रेस के हाथ खून से सने हुए हैं।’ शर्मा ने दावा किया कि कांग्रेस के किसी भी प्रधानमंत्री ने पिछले 75 वर्षों में क्षेत्र के जख्मों पर मरहम नहीं लगाया।

शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को चिंतन करना चाहिए कि कैसे उसकी गलत नीतियों की वजह से मणिपुर जल रहा है। उन्होंने पूर्वोत्तर में एक दुखद स्थिति पैदा की।

मणिपुर में पिछले तीन महीने से जातीय हिंसा हो रही है, जिसमें करीब 160 लोगों की जान जा चुकी है। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने पूरे पूर्वोत्तर में दुखद स्थिति उत्पन्न की। समुदायों के बीच रातों रात लड़ाई शुरू नहीं हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *