व्लादिमीर पुतिन के सता रहा गिरफ्तारी का डर? भारत आने से इनकार पर अगले महीने करेंगे चीन का दौरा…

राजधानी दिल्ली में शुक्रवार से ही जी20 सम्मेलन शुरू होने जा रहा है।

दुनियाभर के बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली पहुंच रहे हैं लेकिन 6 ऐसे भी देश हैं जिनके शीर्ष नेता इस सम्मेलन में हिस्सा लेने नहीं आ रहे हैं।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उन्हीं नेताओं में शुमार हैं। हालांकि दोनों देशों ने अपने प्रतिनिधियों को दिल्ली भेजा है।

रूस इस समय यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ रहा है और इसी वजह से वह पश्चिमी देशों के निशाने पर है। हाल में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कोई विदेशी दौरा नहीं किया है। हालांकि कहा जा रहा है कि अक्टूबर में वह चीन का दौरा कर सकते हैं। 

बता दें कि 2019 के बाद से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किसी भी जी20 सम्मेलन में फिजिकल नहीं प्रजंट रहे हैं। 2019 में जापानी की जी20 समिट में वह पहुंचे थे।

इसके बाद कोरोना के चलते रियाद और रोम में हुए सम्मेलन में वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे। 2022 में बाली में भी वह मौजूद नहीं थे। अब भारत हो रही जी20 सम्मेलन में वह अपने विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव को भेज रहे हैं। 

यूक्रेन युद्ध पर चर्चा का डर?
व्लादिमीर पुतिन इस समय ऐसी जगहों की यात्रा से बच रहे हैं जहां पश्चिमी देशों का जमावड़ा होता है। उन्हें यूक्रेन युद्ध पर चर्चा का डर सताता रहता है। रूस और यूक्रेन का युद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर बेहद अहम है। ऐसे में जी20 की बैठक में इस मुद्दे पर बात होना तय है। हालांकि इस सम्मेलन में कई मेहमान देशों को बुलाया गया पर यूक्रेन को नहीं आमंत्रित किया गया है। पुतिन को यह भी डर  है कि जी20 सम्मेलन में उनका विरोध हो सकता है। भारत ने भी पुतिन पर दबाव नहीं डाला क्योंकि डर यह भी है कि कहीं उनकी वजह से अन्य कई देश आने से इनकार ना कर दें। 

रूस ने क्या दी सफाई
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रेस सचिव ने कहा है कि इस समय पुतिन मिलिटरी ऑपरेशन में व्यस्त हैं इसलिए विदेशी दौरा नहीं कर रहे हैं। बता दें कि यूक्रेन लगातार रूस में भी ड्रोन हमले कर रहा है। पुतिन के कार्यालय तक यूक्रेन के ड्रोन पहुंच गए। वहीं जून में प्राइवेट आर्मी वैगनर ने रूस में तख्तापलट की कोशिश की। कह सकते हैं कि रूस में राजनीतिक स्तर पर भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। वैनगर चीफ प्रिगोझिन की मौत के बाद भी पुतिन पर साजिश के आरोप लग रहे हैं। ऐसे में उनकी जान को खतरा बना हुआ है। 

गिरफ्तारी का डर?
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने मार्च में पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि पुतिन यूक्रेन से जबरदस्ती बच्चों को रूस ले गए हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया था कि 15 हजार यूक्रनी बच्चे रूस भेजे गए हैं। इस केस की जांच चल रही है। बता दें कि आईसीसी दुनियाभर के युद्ध अपराध, नरसंहार और अन्य अपराधों की जांच करती है। इसमें भारत, अमेरिका और चीन शामिल नहीं है लेकिन ब्रिटेन, कानाडा, जापान जैसे 123 देश आईसीसी कोर्ट के सदस्य हैं। इसका गिरफ्तारी वॉरंट एक सलाह की तरह होता है जो कि अलग-अलग देशों को भेजा जाता है। 

चीन जाएंगे पुतिन
एक रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन चीन के बीआरआई फोरम में हिस्सा लेने के लिए अक्टूबर में चीन का दौरा कर सकते हैं। दरअसल चीन उनके लिए कंफर्ट जोन में आता है। यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान लगातार चीन रूस का ही समर्थन करता रहा है। इसके अलावा चीन की भी कई पश्चिमी देशों से नहीं बनती है। इसमें अमेरिका भी शामिल है। ऐसे में ये देश वहां नहीं होंगे और पुतिन को विरोध का डर भी नहीं होगा। बताते चलें कि यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने से पहले भी पुतिन चीन गए थे। 

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