राजस्थान और तेलंगाना में BJP का ‘बंगाल प्लान’, बुलाई CEC मीटिंग; समझें- उत्तर से दक्षिण तक की रणनीति…

पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी  की केंद्रीय चुनाव समिति की बुधवार को बैठक होने वाली है।

माना जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ राजस्थान और तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामों पर विचार-विमर्श कर सकती है।

इससे पहले पार्टी आश्चर्यचकित करते हुए अगस्त के दूसरे हफ्ते में ही  छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से 21 पर और मध्य प्रदेश में 290 में से  39 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।

अब माना जा रहा है कि केंद्रीय चुनाव समिति की इस बैठक के बाद बीजेपी राजस्थान और तेलंगाना में भी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सबको चौंका सकती है क्योंकि अभी तक न तो चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ है और न ही किसी अन्य दल ने ऐसा किया है। इन दोनों राज्यों के अलावा बीजेपी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की बाकी सीटों पर भी उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है।

तेलंगाना पर बीजेपी का जोर
बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह समेत कुल 15 लोग हैं। सूत्र बता रहे हैं कि राजस्थान और तेलंगाना में बीजेपी बंगाल प्लान को लागू करना चाह रही है। यानी पार्टी कई मौजूदा सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारने पर विचार कर रही है, ताकि वहां जीत पक्की की जा सके। खासकर दक्षिणी राज्य तेलंगाना में जहां बीजेपी सम्मानजनक सीट जीतने और अपनी मौजूदगी का अहसास कराने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

क्या है ‘बंगाल प्लान’
बता दें कि 2021 में पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री से लेकर सांसदों तक को चुनाव में उतारा था। तब बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो समेत निशीथ प्रमाणिक, लॉकेट चटर्जी, स्वपन दास गुप्ता को विधानसभा चुनावों का टिकट दिया था। ये सभी सांसद थे। हालांकि, बाबुल समेत कई बीजेपी नेता चुनाव हार गए थे। पार्टी चाहती है कि खासकर तेलंगाना में बीजेपी सांसदों को उतारा जाए ताकि उस सीट पर पार्टी की जीत सुनिश्चित कराकर राज्य में अपनी मौजूदगी अंकित कराई जा सके।

पांच साल पहले क्या हाल
2018 के चुनाव में बीजेपी ने तेलंगाना की 119 में से 118 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज कर सकी थी। हालांकि, उसे चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और ओवैसी की पार्टी AIMIM से ज्यादा वोट परसेंट हासिल हुए थे। बीजेपी को 6.98 फीसदी वोट मिले थे, जबकि टीडीपी और एआईएमआईएम को क्रमश: 3.51 फीसदी और  2.71 फीसदी ही वोट मिले थे। बीजेपी दक्षिणी गढ़ में सांसदों को उतारकर भविष्य के लिए इसी तरह का मनोवैज्ञानिक जीत हासिल करना चाहती है। 

इस बीच, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार की देर शाम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित मध्य प्रदेश बीजेपी के कोर ग्रुप  के साथ बैठक की। माना जा रहा है कि बुधवार की सीईसी बैठक से पहले छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बीजेपी नेताओं के साथ भी इसी तरह की बैठकों की योजना बनाई गई है। बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति बैठक के दौरान राज्यों में चल रही चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने के अलावा, राज्यों से फीडबैक लेगा और उम्मीदवारों के चयन और चुनावी रणनीति पर मंथन भी होगा। 

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