पड़ोसी देश नेपाल में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में कट्टरपंथी समूहों ने हिन्दुओं पर कहर बरपाया है।
उत्तर प्रदेश से सटे शहर नेपालगंज में बीफ विवाद से साम्प्रदायिक हिंसा भड़की और देखते-ही देखते पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया।
दोनों पक्षों की तरफ से पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाओं में शहर धूं-धूं कर जल उठा है। नेपाल प्रशासन ने सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए सीमावर्ती शहर में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया है।
हिंसा की जो तस्वीरें सामने आई हैं,उसमें साफ दिख रहा है कि कट्टपंथी समूह छतों पर से हिन्दुओं पर पत्थर बरसा रहे हैं। हाथों में धार्मिक ध्वजा लिए हिन्दू भाग रहे हैं और छतों पर से उन पर ईंट-पत्थर बरसाए जा रहे हैं।
शहर के कई इलाकों में आगजनी भी हुई है। कुछ जगहों पर पेट्रोल बम फेंके गए और कई राउंड फायरिंग भी हुई है। इस घटना को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सटे इलाकों में भी अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
नेपालगंज पिछले दो दिनों से जल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि किसी ने इंटरनेट पर इस्लाम के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
इससे मुस्लिम समाज नाराज हो गया और प्रदर्शन-आगजनी कर विरोध जताया। इसके जवाब में हिन्दुओं ने मंगलवार को हजारों की संख्या में सड़कों पर निकलकर शांति जुलूस निकाला था लेकिन दोनों गुटों में झड़प हो गई और देखते ही देखते झड़प खूनी हिंसा में तब्दील हो गई।
नेपाली प्रशासन ने भारत से देश में प्रवेश कर रहे लोगों को सुरक्षा कर्मियों के जरिए उनके गंतव्य तक पहुंचाया। राजधानी काठमांडू से करीब 400 किलोमीटर दूर नेपालगंज में सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हुए सांप्रदायिक संघर्ष में मंगलवार को पांच सुरक्षा कर्मियों समेत कम से कम 22 लोग जख्मी हो गए थे।
झड़प के बाद बांके जिला प्रशासन ने मंगलवार दोपहर एक बजे से अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया था। इस शहर की सीमा उत्तर प्रदेश से लगती है।
बांके के मुख्य जिला अधिकारी बिपिन आचार्य ने कहा कि कर्फ्यू को सख्त कर दिया गया है, और जमुनहा प्रवेश स्थल से नेपाल में आने लोगों को सुरक्षा कर्मियों के साथ उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन शहर में मामले को हल करने के लिए जल्द से जल्द एक सर्वदलीय बैठक बुलाएगा।
जमुनहा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मिन बहादुर बिस्ता के अनुसार, अब तक भारत से आए 1,500 नेपालियों को उस स्थान तक सुरक्षित पहुंचाया गया है, जहां से वे सुरक्षित तरीके से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि नेपाली लोग शिमला, कालापहाड़ और दिल्ली सहित भारत के विभिन्न स्थानों से जिले के जमुनहा के रास्ते वतन लौट रहे हैं।
इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने सभी लोगों से तनाव को कम करने के लिए सहयोग करने एवं सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को खतरे में डालने वाली कोई भी सामग्री सोशल मीडिया पर साझा नहीं करने का आग्रह किया है। नेपालगंज स्थित राजनीतिक दलों, धार्मिक नेताओं, नागरिक संगठनों के कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने शहर में शांति और सद्भाव बहाल करने