एक मस्जिद पर हमला और 57 मुसलमान देशों ने बना लिया संगठन, इजरायल से ही है कनेक्शन…

इजरायल पर हमास ने 7 अक्टूबर को भीषण हमला कर दिया था और तब से ही जंग जारी है।

इस जंग में अब तक करीब 13 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 11 हजार तो फिलिस्तीनी नागरिक ही हैं। हमास ने इजरायल पर हमले की वजह अल-अक्सा मस्जिद में इसी साल 9 मई को इजरायली पुलिस के घुसने को बताया था।

उसका कहना था कि यह इस्लाम का अपमान था और हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। अब इस जंग में इजरायल ताबड़तोड़ हमले कर रहा है और अब तक 11 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। इनमें 4 हजार से ज्यादा तो मासूम बच्चे ही हैं।

इसे लेकर सऊदी अरब, ईरान, तुर्की समेत दुनिया भर के इस्लामिक मुल्क इजरायल से हमले रोकने को कह रहे हैं। इन देशों का कहना है कि यदि इजरायल ने हमले नहीं रोके तो फिर जंग का दायरा बढ़ जाएगा।

हालांकि इजरायल युद्ध विराम पर राजी नहीं है। इस बीच सऊदी अरब ने अपने जेद्दाह शहर में इस्लामिक सहयोग संगठन के 57 देशों की मीटिंग बुलाई है।

दिलचस्प बात यह है कि इस संगठन का इतिहास भी यरूशलम में स्थित उसी अल-अक्सा मस्जिद से जुड़ा है, जिसमें इजरायली पुलिस के घुसने पर हमास हमले की बात कह रहा है।

दरअसल 21 अगस्त, 1969 को अल-अक्सा मस्जिद परिसर के एक हिस्से में आग लगा दी गई थी। इस वारदात को ऑस्ट्रेलियाई नागरिक डेनिस माइकल रोहन ने अंजाम दिया था।

लेकिन इसका आरोप इजरायल पर ही लगा था। इससे ठीक दो साल पहले 1967 में 6 अरब देशों से इजरायल की लंबी जंग हुई थी।

ऐसे में अल-अक्सा मस्जिद पर हुए हमले ने तनाव बढ़ा दिया था और फिर 25 सितंबर, 1969 को यानी अल-अक्सा मस्जिद पर हमले के ठीक एक महीने बाद इस्लामिक सहयोग संगठन की मोरक्को में शुरुआत हुई थी। 

संगठन की पहली मीटिंग भी जेद्दाह में हुई, जहां सऊदी कर रहा फिर जमावड़ा

इसके बाद 1970 में इस संगठन से जुड़े मुस्लिम देशों के विदेश मंत्र्यों की पहली मीटिंग सऊदी अरब के जेद्दाह में हुई थी, जहां रविवार को सऊदी ने बैठक बुलाई है। यहीं पर इस संगठन का सचिवालय भी है। इस संगठन की शुरुआत में 30 ही देश थे, लेकिन विस्तार होते-होते अब आंकड़ा 57 देशों का है।

4 महाद्वीपों के देश इसका हिस्सा हैं और बीते 50 सालों में इस संगठन ने कई इस्लामिक मसलों पर अपनी बात रखी। इस संगठन की थीम रही है कि पूरी उम्मत एक शरीर की तरह है और इस्लामिक दुनिया के किसी भी अंग पर हमला होता है तो पूरे शरीर पर दर्द होगा। दुनिया के 1.8 अरब मुसलमानों के प्रतिनिधित्व का दावा करने वाला OIC संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा संगठन है।

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