इजरायल पर अटैक करने से डरता है हिजबुल्लाह? गीदड़भभकी से खफा हुए फिलिस्तीनी…

इजरायल और हमास के युद्ध के बीच अकसर हिजबुल्लाह भी धमकी देता रहता है।

हिजबुल्ला का दावा है कि वह हमास की मदद कर रहा है। हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ भाषण जरूर दिए लेकिन अब तक खुलकर युद्ध का ऐलान नहीं किया है।

लेबनान में रहने वाले फिलिस्तीनी हिजबुल्लाह के इस रवैये से निराश हैं। बता दें कि गाजा के साथ ही इजरायल ने साउथ लेबनान के भी कई इलाकों पर बमबारी की थी। इसके बाद हिजबुल्लाह ने इसका जवाब भी दिया था। नसरुल्लाह का कहना है कि यह युद्ध जल्द खत्म होने वाला नहीं है। 

फिलिस्तीनियों को नागवार गुजर रहा हिजबुल्लाह का संदेश
हिजबुल्लाह सालों तक युद्ध चलने का दावा कर रहा है।

वहीं बेरुत के आसपास साबरा और शातिला में रहने वाले फिलिस्तीनी शरणार्थियों को यह संदेश नागवार गुजर रहा है। इन शरणार्थी शिविरों में लगभग 2 लाख 50 हजार फिलिस्तीनी रहते हैं। 1948 में इजरायल बनने के बाद ये शरणार्थी लेबनान में ही रहते हैं। गाजा के अस्पतालों, स्कूलों में इजरायली हमले को देखकर लेबनान में रहने वाले फिलिस्तीनी भी डरे हुए हैं। बता दें कि गाजा में अब तक 11 हजार लोग मारे जा चुके हैं। इमसें आधे बच्चे ही हैं। 

लेबनान में रहने वाले फिलिस्तीनी चाहते हैं कि हिजबुल्लाह इजरायल के खिलाफ युद्ध करे। 4 नवंबर को एक भाषण के दौरान नसरुल्लाह ने कहा था कि वह हमास के साथ खुलकर उतरेगा। हिजबुल्लाह ने इजरायल में मिसाइल अटैक भी किया था जिसमें एक की जान चली गई थी। वहीं 11 नवंबर को नसरुल्लाह की स्पीच से पहले ही इजरायल ने लेबनान के गांव पर रॉकेट अटैक कर दिया। इजरायल की सेना का कहना  है कि हिजबुल्लाह खुद को खत्म करने वालाकदम उठा रहा है। 

शिविर में रहने वाले फिलिस्तीनी हिजबुल्ला से नाराज हैं। उनको उम्मीद थी कि हिजबुल्लाह हमास के साथ खुलकर उतरेगा। इसके अलावा ईरान और ईरान समर्थित सैन्य संगठन भी इजरायल के खिलाफ पूरी ताकत झोंक देंगे। लेकिन ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है। बताया जा रहा है कि नसरुल्लाह इसी तरह इजरायल को धमकाता रहेगा लेकिन वह हमास के साथ युद्ध में शामिल नहीं होने जा रहा है। 

क्यों डर रहा हिजबुल्लाह
हिजबुल्लाह और अटलांटिक काउंसिल थिंक टैंक के निकोलस ब्लानफोर्ड ने कहा कि हिजबुल्लाह अपने देश के हालात को देखते हुए भी मजबूर है। अपने भाषण में भी हिजबुल्लाह ने कहा था कि लेबनान में कई तरह की आवाजें उठ रही हैं। लेकिन वे सीमित हैं। लोगों का कहना है कि शायद नसरुल्लाह का इशारा समीर गियागिया की तरफ था जो कि लेबनीज फोर्स पार्टी के ईसाई राजनेता हैं। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा था कि हमास का हमला बेहद निंदनीय है और इससे लेबनान के लोग भी मुसीबत में पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा था कि लेबनान को भी इस युद्ध में खींचने के लिए वह हिजबुल्लाह का समर्थन नहीं करेंगे। अगर ईरान में गणित बदलता है और हिजबुल्लाह इजरायल पर हमला कर देता है तो उसकी शिकस्त निश्चित है। नसरुल्लाह को डर है कि इजरायल पर हमला करने से लेबनान में भी विरोध शुरू हो सकता है। 

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