नमाज अदा करने निकला 12 साल का मासूम नमाज अदा करने निकला, पड़ोसी ने कर दिया कत्ल; सामने आई वजह…

रमजान के महीने में नमाज अदा करने गए एक 12 साल के बच्चे की पड़ोसियों ने ही हत्या कर दी।

मामला अंबरनाथ तालुका के गोरेगांव की है। यहां दो परिवारों में दुश्मनी के चलते एक नाबालिग को किडनैप कर लिया गया और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी गई।

इसके बाद आरोपियों ने बच्चे के मां-बाप के पास फोन किया और फिरौती की रकम मांगने लगे।

पुलिस को जब इसकी सूचना दी गई तो तलाशी शुरू हुई। बच्चे का शव पड़ोसी के ही मकान के पीछ बोरे में मिला।

इस मामले में पुलिस ने दो भाइयों को गिरफ्तार किया है। 

आरोपी सलमान मौलवी और सैफुआन मौलवी मृतक के पड़ोस में ही रहते थे। सलमान बदलापुर में एक गैराज में काम करता है।

वहीं सलमान इलेक्टीशियन का काम करता है। पुलिस का कहना है कि मृतक के परिवार और आरोपियों में लंबे समय से दुश्मनी चली आ रही थी।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 24 मार्च को इबाद के परिवार ने इफ्तार किया और इसके बाद इबाद नमाज अदा करने मस्जिद की ओर चला गया।

रात 9 बजे तक जब वह वापस नहीं लौटा तो परिवार के लोग उसकी तलाश करने लगे।

इसके बाद इबाद के पिता के पास एक फोन आया जिसमें बताया गया कि उनका बेटा जिंदा है और उसे वापस पाने के लिए 25 लाख रुपये देने होंगे। इसके तुरंत बाद फोन स्विच ऑफ हो गया। 

 

थोड़ी देर बाद फिर से फोन आया। इस बार दूसरे नंबर से फोन किया गया था।

पुलिस ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद मौलवी के घऱ की तलाशी ली गई।

बाद में इबाद का शव घर के पिछवाड़े एक बोरे में मिला। इबाद के परिवार को अब भी पता नहीं है कि आखिर उनके बच्चे की हत्या क्यों की गई।

इबाद के परिवार के एक शख्स ने कहा, इबाद कभी अकेले घर से बाहर नहीं जाता था।

जब वह लापता हो गया तो उसकी फोटो सर्कुलेट की गई और पुलिस को जानकारी दी गई। हमें लगता था कि वह जिंदा होगा। अब पूरा परिवार सदमे में है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला है कि इबाद की मौत दम घुटने की वजह से हुई। उसका गला घोंट दिया गया था।

पुलिस ने बताया, इबाद ने अपने परिवार से पड़ोसी के बारे में कोई बात सुन रखी थी।

उसको लेकर अकसर वह उन्हें चिढ़ाता रहता था जिसपर वे आगबबूला हो जाते थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इसी वजह से मौका पर उन लोगों ने इबाद की हत्या कर दी। 

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने परिवार और पुलिस को गुमराह करने के लिए ही किडनैपिंग का बहाना बनाया था।

उन्होंने फिरौती के लिए फोन भी इसीलिए किया था ताकि किसी का शक पड़ोसी पर ना जाए और हत्या के मकसद के बारे में पता ना चले।

हत्या के बारे में जब गांव के लोगों को पता चला तो लोगों ने मौलवी के घर में आग लगा दी। हालांकि इसके बाद पुलिस बल गांव में तैनात कर दिया गया। पुलिस ने कुछ घंटे के अंदर ही हत्या की गुत्थी सुलझा ली।

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