गुरु के वृषभ राशी में गोचर से चमकेगा मीन राशि वालों का भाग्य, अचानक होगा धन-लाभ…

प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):

देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि में 1 मई के दिन प्रवेश कर चुके हैं।

गुरु के गोचर से सभी 12 राशियां प्रभावित हुई हैं। कुछ के लिए गोचर शुभ है तो कुछ के लिए टेंशन वाला माना जा रहा है।

ऐसे में आइए ज्योतिर्विद दिवाकर त्रिपाठी से जानते हैं की गुरु के वृषभ राशि में प्रवेश करने से मीन राशि वालों पर क्या प्रभाव रहेगा और उपाय-

मीन :- मीन राशि तथा मीन लग्न के लिए देवगुरु बृहस्पति दशम स्थान राज्य भाव के कारक एवं लग्न स्थान शरीर भाव के कारक होने के कारण परम शुभ कारक ग्रह माने जाते हैं।

ऐसी स्थिति में लग्न एवं राज्य के कारक होकर पराक्रम भाव में गोचर करना राज्य संबंधित कार्यों में प्रगति प्रदान करने वाला होगा। नौकरी तथा व्यवसाय में परिवर्तन की स्थिति उत्पन्न होगी। परिश्रम में वृद्धि होगी। कार्यों में सकारात्मक सुधार की संभावना बनेगी ।

मनोबल में वृद्धि होगी । पराक्रम में वृद्धि होगी । मन: स्थिति में सुधार होगा । आत्म बल में वृद्धि होगी । व्यक्तित्व में निखार आएगा । सामाजिक दायरे में वृद्धि होगी । भाई-बहनों तथा मित्रों को लेकर तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।

आंतरिक डर उत्पन्न हो सकता है। कार्यों को सोच समझ कर करने की प्रवृत्ति में वृद्धि होगी। बृहस्पति की पंचम दृष्टि कन्या राशि सप्तम भाव पर होगी।

ऐसे में दांपत्य सुख में वृद्धि। प्रेम संबंधों में सकारात्मक सुधार। साझेदारी के कार्यों में लाभ की स्थिति। दैनिक आय में वृद्धि।

रोजगार में वृद्धि तथा वैवाहिक कार्यक्रमों में सफलता का संयोग बनेगा। बृहस्पति की सप्तम दृष्टि वृश्चिक राशि भाग्य भाव पर होगी।

परिणाम स्वरुप कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा। पिता के सहयोग सानिध्य आशीर्वाद में वृद्धि होगी। धार्मिक क्षेत्र में वृद्धि होगी। परिश्रम का पूर्ण फल प्राप्त होगा।

बृहस्पति की नवम दृष्टि मकर राशि लाभ भाव पर होगी।

फल स्वरुप आर्थिक गतिविधियों में विकास। व्यापारिक गतिविधियों में विकास एवं व्यापार में परिवर्तन तथा विस्तार का योग बनेगा । अचानक धन लाभ की स्थिति। शेयर बाजार, सट्टा बाजार तथा भाग्य वादी कार्यों में प्रगति की स्थिति बनेगी। पैतृक संपत्ति का लाभ प्राप्त होगा।

भाई बहनों का सहयोग प्राप्त होगा। 

उपाय :- यदि बृहस्पति मूल कुंडली के अनुसार पीड़ित अवस्था में है तो बृहस्पति को मजबूत करने के लिए मूल कुंडली के अनुसार उपाय अवश्य करें। बृहस्पति स्तोत्र का नियमित पाठ करें।

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