एप्पल को पछाड़ दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी बनी एनवीडिया, पहली कौन?…

एनवीडिया के शेयर बुधवार को 5.2% बढ़कर 1,224.40 डॉलर पर बंद हुए, जिससे कंपनी का मूल्य 3.012 ट्रिलियन डॉलर हो गया। यह एप्पल को पछाड़कर दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई।

एप्पल के शेयरों में 0.8% की बढ़ोतरी हुई और इसका मार्केट कैप 3.003 ट्रिलियन डॉलर हो गया।

कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में स्थित एनवीडिया कंपनी के शेयरों ने इस साल लगभग 147 फीसद की उछाल दर्ज की है। इसके पीछे AI को पावर देने वाले चिप्स की बढ़ती मांग है।

इसके कारण इसका मार्केट कैप लगभग 1.8 ट्रिलियन डॉलर बढ़ गया है। 5 जून को एनवीडिया के शेयर 5.2 फीसद बढ़कर रिकॉर्ड 1,224.40 डॉलर पर बंद हुए।

इससे चिप निर्माता की मार्केट वैल्यू 3 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर चला गया और इसने एप्पल को पछाड़ दिया है।

2002 में पहला iPhone जारी होने से पांच साल पहले एनवीडिया का मार्केट कैप Apple से अधिक था। तब दोनों कंपनियों की मार्केट वैल्यू 10 अरब डॉलर से कम थी।

ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार बुधवार को शेयर बाजार में उछाल के कारण हुआंग की संपत्ति में 5 बिलियन डॉलर से अधिक की वृद्धि हुई, जिससे उनकी कुल संपत्ति 107.4 बिलियन डॉलर हो गई।

हुआंग ने जनरेटिव एआई के उदय को एक नई औद्योगिक क्रांति बताया। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि एनवीडिया जनरेटिव एआई टेक्नोलॉजी के पर्सनल कंप्यूटर में शिफ्ट होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी में मुख्य भाषण के दौरान उन्होंने इस परिवर्तन में कंपनी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया।

दुनिया की 5 सबसे मूल्यवान कंपनियां

1.माइक्रोसॉफ्ट 3.151 ट्रिलियन डॉलर

2. एनवीडिया 3.011 ट्रिलियन डॉलर

3. एप्पल 3.003 ट्रिलियन डॉलर

4. अल्फाबेट (गूगल) 2.179 ट्रिलियन डॉलर

5. अमेजन 1.886 ट्रिलियन डॉलर

माइक्रोसॉफ्ट से पीछे

एनवीडिया को एआई खर्च में उछाल से बहुत फायदा हुआ है।

इससे कंपनी दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनने की राह पर दौड़ पड़ी है।

हालांकि, यह अभी भी मार्केट वैल्यू के मामले में माइक्रोसॉफ्ट (3.15 ट्रिलियन डॉलर) से पीछे है, लेकिन वॉल स्ट्रीट विश्लेषकों का मानना ​​है कि यह केवल समय की बात है, जब एनवीडिया इसे पीछे छोड़ देगी।

दूसरी ओर अगर एप्पल की बात करें तो इस साल उसको चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। चीन में आईफोन की घटती मांग और यूरोपीय संघ से जुर्माने की चिंताओं के कारण इसके शेयरों पर दबाव पड़ा है।

इसके बावजूद निवेशकों की धारणा में धीरे-धीरे सुधार होने के कारण एप्पल के शेयर हाल ही में 2024 के लिए पॉजीटिव हो गए हैं।

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