चीन ने अंतरिक्ष पर किया एक और चमत्कार, मिली ऐसी सफलता; दुनियाभर में हो रही चर्चा…

अंतरिक्ष में नई-नई खोज के लिए दुनियाभर की एजेंसियां दिन-रात लगी हैं।

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने 2023 में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 उतारकर इतिहास रचा था। इसी साल चीन चांद से मिट्टी और कुछ सैंपल धरती पर लाने वाला पहला देश बन गया है।

चीन ने अंतरिक्ष में नया चमत्कार किया है। चीनी अंतरिक्ष एजेंसी को बड़ी सफलता मिली है।

ऐसी रिपोर्ट है कि चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे पौधे की खोज की है जो संभवत: मंगल ग्रह के लिए बेहद अनुकूल है। चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि ये पौधा अंटार्कटिका और मोजावे के रेगिस्तान में पाई जाती है।

इससे पहले चीन के चांग’ए 6 अंतरिक्ष यान ने 25 जून को चंद्रमा के सुदूर क्षेत्र से चट्टान और मिट्टी के नमूने एकत्रित करने का ऐतिहासिक मिशन पूरा किया था।

चीन का यान चांद से मिट्टी के सैंपल लेकर धरती लौटा था। चीन ने इसे बेहद सफल मिशन कहा था।

अब गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक ऐसे पौधे की खोज की है जो संभवतः मंगल ग्रह की कठोर जलवायु में जीवित रहने और बढ़ने में सक्षम है। यह पौधा अंटार्कटिका और मोजावे रेगिस्तान में पाया जाता है। 

वैज्ञानिक रूप से सिंट्रिचिया कैनिनर्विस नाम का यह पौधा अत्यधिक ठंड, अत्यधिक सूखे में भी जिंदा रह सकता है। वैज्ञानिकों की टीम का दावा है कि उनका शोध ग्रीनहाउस के विपरीत ग्रह की सतह पर पौधों की खेती की संभावना पर केंद्रित है, ऐसे वातावरण में संपूर्ण पौधों के अस्तित्व की जांच करने वाला पहला है।

उनका कहना है, “हमारे अध्ययन से पता चलता है कि एस. कैनिनर्विस की पर्यावरणीय लचीलापन कुछ अत्यधिक तनाव-सहिष्णु सूक्ष्मजीवों और टार्डिग्रेड्स से बेहतर है। 

यह अध्ययन ‘द इनोवेशन’ पत्रिका के एक नए पेपर में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने दस्तावेज में कहा है कि कैसे रेगिस्तानी काई न केवल जीवित रही बल्कि लगभग पूर्ण निर्जलीकरण से भी जल्दी ठीक हो गई।

इसके अतिरिक्त, यह -196 सेल्सियस पर 30 दिनों तक और -80 सेल्सियस पर पांच साल तक गामा किरणों के संपर्क में रहने के बाद भी सामान्य रूप से जीवित रही। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *