रायपुर : मुख्य सचिव जैन ने छत्तीसगढ़ विजन 2047 के संबंध में संभागायुक्तों और कलेक्टरों की बैठक ली…

क्षेत्र की आवश्यकताओं एवं क्षमताओं को विजन डाक्यूमेंट में शामिल करने के निर्देश

मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन और उपाध्यक्ष, राज्य नीति आयोग अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी संभागायुक्तों और जिला कलेक्टरों की महत्वपूर्ण बैठक ली।

बैठक में अमृतकाल  छत्तीसगढ़ विजन 2047 डाक्यूमेंट पर सभी संभागों, जिलों से सुझावों लिए गए। छत्तीसगढ़ के विकास और भविष्य की योजनाओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

जिला स्तर पर विशिष्ट समस्याओं, आवश्यकताओं और क्षमताओं पर जिला कलेक्टरों से प्राप्त सुझावों पर गहन चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं, क्षमताओं को पहचानें और उन्हें विजन डाक्यूमेंट में शामिल करने जरूरी कार्यवाही करें।

उन्होंने विजन डाक्यूमेंट के संबंध में जिलों के जनप्रतिनिधियों, नागरिकों और विद्यार्थियों के सुझाव प्राथमिकता से लिए जाए। जिससे विजन 2047 दस्तावेज वास्तव में समावेशी और हर क्षेत्र की वास्तविक जरूरतों को पूरा कर सके।

आगामी दिनों में विजन डाक्यूमंेट 2047 के संबंध में आयोजित संवाद कार्यक्रम में लोगों की जनसहभागिता सुनिश्चित की जाए।


गौरतलब है कि आजादी के अमृतकाल (2047) तक भारत को विकसित बनाने प्रधानमंत्री ने देशवासियों का आह्वान किया है।

प्रदेश सरकार द्वारा 2047 तक छत्तीसगढ़ के समग्र विकास व नागरिकों की समृद्धि का रोडमैप तय करने के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है, जिसे प्रदेश स्थापना दिवस को नागरिकों को समर्पित किया जाएगा।

राज्य शासन ने विजन डाक्यूमेंट तैयार करने का दायित्व राज्य नीति आयोग को सौंपा गया है। सदस्य, राज्य नीति आयोग ने इस अवसर पर बताया कि विजन डाक्यूमेंट का उद्देश्य छत्तीसगढ़ को विकास के नए आयामों तक पहुंचाना है।

उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे जनता की आवाज को प्राथमिकता दें और विकास योजनाओं में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करें।

बैठक में सभी संभागायुक्तों और जिला कलेक्टरों ने अपने-अपने क्षेत्रों की विशेष जरूरतों और विकास योजनाओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। बैठक में प्राप्त सुझावों और विचारों को विजन 2047 डाक्यूमेंट में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे यह डाक्यूमेंट वास्तविक धरातल पर प्रभावी रूप से लागू हो सके।

बैठक में आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव अंकित आनंद, राज्य नीति आयोग की ओर से सदस्य डॉ के सुब्रमणियम, सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव, संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गोरड़िया भी शामिल थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *