सावन का पहला सोमवार: भगवान शिव के जलाभिषेक का उत्तम मुहूर्त दोपहर 2:14 तक, इस समय भूलकर भी न करें पूजन…

 प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):

भगवान शिव को समर्पित सावन मास 22 जुलाई 2024, सोमवार से प्रारंभ हो चुका है।

सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। यह महीना भोलेनाथ को अतिप्रिय है। मान्यता है कि सावन भर भगवान शिव की श्रद्धा-भाव से पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

यूं तो भगवान शिव की पूजा व जलाभिषेक किसी भी समय किया जा सकता है लेकिन अभिजित मुहूर्त में महादेव का जलाभिषेक करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।

जानें आज सावन के पहले दिन किन मुहूर्त में करें भगवान शिव का जलाभिषेक-

भगवान शिव के जलाभिषेक करने के मुहूर्त-

शिवजी का जलाभिषेक करने का अभिजित मुहूर्त सुबह 11:59 से दोपहर 12:54 तक रहेगा। अमृत काल दोपहर 12:46 बजे से दोपहर 02:14 बजे तक रहेगा।

इन मुहूर्त में न करें शिव पूजन व जलाभिषेक-

दुर्मुहूर्त-12:54 पी एम से 01:49 पी एम

दुर्मुहूर्तः 03:38 पी एम से 04:33 पी एम

राहुकाल- 07:19 ए एम से 09:01 ए एम

गुलिक काल- 02:09 पी एम से 03:52 पी एम

यमगण्ड- 10:44 ए एम से 12:27 पी एम

भगवान शिव का अभिषेक ऐसे करें-

1. सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।

2. इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।

3. शिवलिंग का सबसे पहले गंगाजल से अभिषेक करें। अब शक्कर, दही, दूध और घी समेत आदि चीजों से महादेव का अभिषेक करें।

4. इस दौरान शिव मंत्रों का जाप करें।

सावन में इन मंत्रों का करें जाप- शिव पुराण में कुछ मंत्र वर्णित हैं जिनका जप करने मात्र से भगवान शिव के प्रसन्न होने की मान्यता है। पढ़ें शिव मंत्र-

1. ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।

2. ओम साधो जातये नम:।। ओम वाम देवाय नम:।।

3. ओम अघोराय नम:।। ओम तत्पुरूषाय नम:।।

4. ओम ईशानाय नम:।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।

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