बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, बोलीं- मेरे पिता समेत शहीदों का हुआ अपमान…

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ने के बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है।

उन्होंने कहा है कि मेरे पिता समेत देश के तमाम शहीदों का अपमान हुआ है। हसीना के बेटे सजीब ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में पूर्व पीएम का बयान साझा किया है।

इस बयान में हसीना ने बांग्लादेशी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आप सभी से 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में गंभीरता और गरिमा के साथ मनाने की अपील करती हूं।

बंगबंधु भवन में फूलों की माला चढ़ाकर और प्रार्थना कर बांग्लादेश की आजादी में शहीद हुए सभी आत्माओं की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।

बांग्लादेश के संस्थापक और अपने पिता शेख मुजीबुर्रहमान के संग्रहालय को नष्ट करने की निंदा करते हुए पूर्व पीएम हसीना ने कहा कि हमारे राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमने एक आजाद मुल्क के रूप में पहचान हासिल की।

दुनियाभर में इज्जत हासिल की, ऐसे शेख मुजीब का इस प्रदर्शन में घोर अपमान किया गया, उन लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में शहीद हुए लाखों शहीदों का अपमान किया है। मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं।

शेख हसीना ने कहा कि पिछले जुलाई से आंदोलन के नाम पर केवल बर्बरता, हिंसा और आगजनी हुई है, इस हिंसा में कई लोगों की जान चली गई।

टीचर, छात्र, पुलिस के जवानों, महिला पुलिस , पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता ,सामान्य लोग, आवामी लीग के कार्यकर्ता, जो भी इस आतंकवादी हमले के कारण मारे गए, मैं उन सभी के लिए शोक व्यक्त करती हूं और उन सभी के लिए प्रार्थना करती हूं।

शेख हसीना का बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में 15 सालों का लंबा शासन 5 अगस्त को समाप्त हो गया था। उन्हें अपने शासन के विरोध में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के कारण इस्तीफा देकर अपना देश छोड़ना पड़ा था।

5 अगस्त को उन्होंने भारत सरकार से, भारत में आने की इजाजत मांगी थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया था और शेख हसीना भारत आ गई थीं। शेख हसीना तब से भारत में ही हैं।

बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों में शेख हसीना की पार्टी, आवामी लीग के लोगों को चुन चुनकर निशाना बनाया गया है। उनके घर, होटल और दुकानें जला दी गईं।

लीग के नेताओं की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। कई लोगों को जिंदा जला दिया गया। इसके साथ ही साथ अल्पसंख्यक हिंदुओं के ऊपर भी हमलें तेज हो गए, जिसके बाद हजारों की संख्या में लोग भारतीय सीमा के पास जमा हो गए। भारतीय सीमा सुरक्षा बलों ने उन्हें समझा बुझा कर वापस बांग्लादेश भेज दिया।

हाल ही में बांग्लादेश की एक अदालत ने प्रदर्शनों के दौरान पुलिस द्वारा एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पूर्व पीएम और उनके प्रशासन के लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद, सेना के सहयोग से एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है, जिसे नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस लीड कर रहे हैं। इस सरकार में प्रदर्शनकारी दो छात्र नेता भी शामिल हैं।

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