सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक- छत्तीसगढ़):
धमतरी- जिले के मनरेगा मजदूरों को मिलने वाली मजदूरी का भुगतान बीते 2 महीनों से नही हो पाया है जिसमे कुल 88 हज़ार परिवार के लगभग 323895 मजदूरों का लगभग 30 करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है।
श्रमिकों ने बताया कि पहले 15 दिनों के अंदर रोजगार गारंटी का पैसा उनके खातों में आ जाता था, लेकिन इस बार 2 महीने बीत जाने के बाद भी उनके खातों में पैसा नही डाला गया है।
ऐसे में उन्हें अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अब आगामी रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर उन्हें चिंता सता रही है। यदि त्यौहार के पहले पैसे नही आते तो उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
इस मामले में बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष आशीष रात्रे ने केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए बताया कि पीएम मोदी बीते 10 सालों से केंद्र सरकार में सत्तासीन हैं, और अब तो उनके तीसरे कार्यकाल को शुरू हुए भी 3 महीने से ज्यादा हो गए, वे अपने वक्तव्यों में हमेशा खुद को मजदूरों का हितैषी बताते हैं, वे स्वयं बोलते हैं की डबल इंजन की सरकार में कोई परेशान नहीं रहेगा, विकास कार्य तेजी से होंगे, रोज़गार के द्वार खोले जायेंगे, महिलाओं को उनका हक़ दिलाया जायेगा लेकिन वास्तविकता उनके वक्तव्यों से परे नज़र आ रही है।
श्री रात्रे ने केंद्र की मोदी सरकार से अपील की है कि वे जल्द से जल्द मनरेगा श्रमिकों का पारिश्रमिक उनके बैंक खातों में अंतरित करवाएं।
इस मामले में मनरेगा शाखा के एपीओ धरम सिंह ने बताया कि जिले के 88 हज़ार परिवारों के लगभग 323895 मनरेगा श्रमिकों का 1 माह (मई) का पारिश्रमिक लगभग 30 करोड़ रुपया बकाया है जिसके सभी कार्यालयीन कार्य पूरे कर केंद्र को बकाया रकम से संबंधित दस्तावेज भेजे के चुके हैं, आगे उन्होंने बताया कि इसी माह मजदूरों के बैंक खातों में उनकी राशि अंतरित कर दी जाएगी।