शनि-मंगल की वर्गाकार स्थिति, इस सप्ताह बन रही तनाव का कारण, जानें कैसा डालेगी प्रभाव…

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):

ज्योतिष शास्त्र में शनि व मंगल सबसे ज्यादा चुनौती पहलुओं में से एक है।

वर्तमान में शनि और मंगल एक-दूसरे से स्क्वायर या वर्गाकार हैं।

16 अगस्त 2024 को एक ही डिग्री पर हैं। जबकि शनि 18 अगस्त को पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के पहले चरण में गोचर करेंगे और 2 अक्टूबर तक इसी नक्षत्र में रहेंगे।

शनि व मंगल का स्वभाव- सबसे पहले शनि व मंगल का स्वभाव जानना जरूरी है। शनि व मंगल का स्क्वायर होना तनाव का कारण बनता है।

जब शनि और मंगल आपस में मिलते हैं, तो उनकी ऊर्जाएं नेगेटिव हो जाती है। शनि अनुशासन, अधिकार और लॉन्ग टर्म लक्ष्यों का ग्रह है, जबकि मंगल एक्शन, गुस्से व और शॉर्ट टर्म इच्छाओं का ग्रह है।

जानें शनि व मंगल का स्क्वायर होना कैसा डालता है प्रभाव-

शनि की दृष्टि लोगों को आज्ञाकारी बनाती है, जबकि मंगल काम को करने की प्रेरणा देता है। शनि अनुशासन का नियम है, इसलिए दिन या सप्ताह के लिए एक डिटेल प्रोग्राम बनाना अच्छा रहेगा।

अपने काम को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट लें और हर सेगमेंट को एक स्पेशल टाइम के लिए शेड्यूल करें। शनि व मंगल की स्थिति में अपने जरूरी कामों का ध्यान रखना जरूरी है।

उन एक्टिविटीज पर फोकस करें जो आपको अपने लॉन्ग टर्म लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगी, जबकि कभी-कभी इमरजेंसी स्थिति में आप फैसले लेने में अच्छे रहेंगे।

जब शनि और मंगल एक वर्ग स्थिति में हों, तो व्यक्ति को अति विश्लेषण से परेशान न होते हुए जल्दबाजी में फैसले लेने से बचना चाहिए। मंगल को आवेगी कहा जाता है, जबकि शनि को बहुत विश्लेषणात्मक कहा जाता है।

शनि-मंगल का स्क्वायर होना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए इस अवधि के दौरान किसी को अपने आप पर बहुत ज्यादा हार्ड नहीं होना चाहिए।

ध्यान रखें कि बदलाव उतनी तेजी से नहीं हो सकता जितना आप चाहते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप विकास नहीं कर रहे हैं।

व्यक्ति को इस समय का उपयोग भविष्य में अपने लिए एक अहम रास्ता तैयार करने के लिए करना चाहिए।

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