हिंदुओं पर हमले को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया, भारतीय पत्रकारों को बुलाएंगे; पीएम मोदी से बोले यूनुस…

बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि बांग्लादेश में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और जीवन सामान्य हो रहा है।

हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसाओं पर मोहम्मद यूनुस ने बताया कि अल्पसंख्यकों पर हमलों की रिपोर्टों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।

साथ ही, उन्होंने भारतीय पत्रकारों को भी बांग्लादेश आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनने के बाद मोहम्मद यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली बातचीत है।

पड़ोसी देश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर हुए विवाद के बीच लंबे समय तक हिंसा चली, जिसके बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”बांग्लादेश में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और पूरे देश में जनजीवन सामान्य हो रहा है।”

यूनुस ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरें बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई हैं और वह भारतीय पत्रकारों को बांग्लादेश आने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दों पर जमीनी स्तर पर रिपोर्ट करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।

यूनुस (84) ने शनिवार को ढाका से ऑनलाइन माध्यम से ‘थर्ड वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ में शामिल होने के लिए भारतीय नेता के निमंत्रण को भी स्वीकार कर लिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई थी कि हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में हालात जल्द ही सामान्य होंगे। उन्होंने कहा था कि 140 करोड़ भारतीय पड़ोसी देश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

उन्होंने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है और वह बांग्लादेश की विकास यात्रा में उसका शुभचिंतक बना रहेगा।

‘बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस’ नामक एक गैर-राजनीतिक हिन्दू संगठन ने दावा किया है कि पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से 48 जिलों में 278 स्थानों पर अल्पसंख्यक समुदाय को हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा है।

संगठन ने इसे ‘हिंदू धर्म पर हमला’ करार दिया है। बांग्लादेश में अशांति के बीच इस महीने अल्पसंख्यक समुदाय के कई हिंदू मंदिर, मकान और व्यापारिक प्रतिष्ठान नष्ट कर दिए गए।

नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बातचीत के दौरान मोदी ने एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश के प्रति भारत के समर्थन की पुष्टि की।

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ”मोदी ने विभिन्न विकास योजनाओं के माध्यम से बांग्लादेश के लोगों का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व को भी रेखांकित किया।”

यूनुस ने आश्वासन दिया कि अंतरिम सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यक समूहों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगी।

बयान में कहा गया, ”दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की।”

इस बीच, मुख्य सलाहकार कार्यालय से जारी एक संदेश में कहा गया है कि भारत के प्रधानमंत्री ने ”घनिष्ठ मित्र के रूप में लोगों के फायदे के लिए” बांग्लादेश के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की है तथा यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम करने की भी प्रतिबद्धता जताई है। जब भारत के प्रधानमंत्री ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया तो यूनुस ने मोदी से कहा कि उनकी सरकार अल्पसंख्यकों समेत देश के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यूनुस ने कहा, ”छात्र आंदोलन के परिणामस्वरूप अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला है। यह बांग्लादेश की दूसरी क्रांति है और उनकी सरकार छात्रों और लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को पूरा करेगी।”

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