मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने इस्लामी प्रचारक जकिर नाईक के मामले पर कहा कि सबूत मिलने पर उनका देश कारवाई करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद एक कार्यक्रम में जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण को लेकर पूछे सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही।
अनवर इब्राहिम ने कहा, यदि सबूत दिए जाएंगे तो आतंकवाद को कभी माफ नहीं किया जाएगा। किसी एक मामले की वजह से भारत-मलेशिया के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत होने से नही रोका जा सकेगा।
इससे पहले, भारत और मलेशिया के प्रधानमंत्रियों के बीच मंगलवार को बैठक में आतंकवाद और चरमंपथी तत्वों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की बात हुई। हालांकि, जाकिर नाईक के मुद्दे पर स्पष्ट बातचीत होने की पुष्टि विदेश मंत्रालय ने नहीं की।
जाकिर नाईक के खिलाफ धनशोधन और कट्टरता फैलाने के आरोप हैं और एनआईए उसके खिलाफ जांच कर रही है। वह 2016 में मलेशिया चला गया और वापस नहीं लौटा।
भारत उसे लगातार सौंपे जाने की मांग कर रहा है। मलेशिया के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि भी है।
मलेशिया के प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी कि भारत सरकार जोरदार तरीके से इस मामले को उठाएगी लेकिन संयुक्त बयान में भी यह मुद्दा शामिल नहीं है।
जानकार मान रहे हैं कि भारत का फोकस मलेशिया से संबंधों को मजबूती पर है। दरअसल, महातिर जब मलेशिया के प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने अनुच्छेद 370 और सीएए को लेकर प्रतिकूल टिप्पणियां की थी जिसके बाद संबंधों में तल्खी आई थी।
भारत ने पाम आयल के आयात पर भी रोक लगा दी थी। अब महातिर सरकार बदल चुकी है और दोनों तरफ से संबंधों में मजबूती की कोशिश हो रही है। जाकिर नाईक के मुद्दे पर कौंसलर स्तर पर बातचीत चल रही है।