यूक्रेन में पूछा गया सवाल- मोदी ने पुतिन को गले क्यों लगाया; जयशंकर ने कर दी बोलती बंद…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय युद्धग्रस्त यूक्रेन के दौरे पर हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को यूक्रेन में शांति बहाली के लिए ‘हर संभव तरीके’ से योगदान करने की भारत की इच्छा से अवगत कराया।

यूक्रेन और उसके पड़ोसी देश रूस में पिछले लंबे समय से युद्ध चल रहा है। यूक्रेन जाने से पहले पीएम मोदी ने रूस का भी दौरा किया था।

इस दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के गले लगने की तस्वीरें खूब चर्चा में रही थीं।

खुद यूक्रेनी राष्ट्रपति ने इसका विरोध किया था। अब एक प्रेस वार्ता के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी इसी से जुड़ा एक सवाल पूछा गया कि आखिर मोदी ने पुतिन को गले क्यों लगाया था। हालांकि जयशंकर ने अपने जवाब के बोलती बंद कर दी। उन्होंने कहा कि हमारे यहां ऐसा ही होता है और यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “हमारे यहां जब लोग मिलते हैं तो एक-दूसरे को गले लगाते हैं। हो सकता है कि यह आपकी संस्कृति का हिस्सा न हो, लेकिन यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है…” उन्होंने कहा, “एक सांस्कृतिक अंतर है जिसे पश्चिम के लोग नहीं समझ सकते। आज, जेलेंस्की ने भी प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाया।” देखें वीडियो-

इससे पहले जयशंकर ने कहा, ‘‘यह बहुत विस्तृत, खुली और कई मायनों में रचनात्मक वार्ता थी।’’

उन्होंने कहा कि बातचीत कुछ हद तक सैन्य स्थिति, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसी चिंताओं और ‘शांति के लिए सभी संभव तरीकों’ पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन वैश्विक शांति सम्मेलन में भारत की भागीदारी जारी रखना चाहता है।

जयशंकर ने कहा कि चर्चा को आगे बढ़ाने के प्रभावी तरीकों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ‘‘भारत का मानना है कि दोनों पक्षों (यूक्रेन और रूस) को समाधान खोजने के लिए एक-दूसरे के साथ बातचीत करने की जरूरत है।’’

विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और देशों की संप्रभुता की रक्षा जैसे अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए सहयोग जारी रखने के वास्ते अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

मोदी ने हाल में मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी चर्चाओं के बारे में भी बात की।

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जमीनी स्थिति और कूटनीतिक परिदृश्य, दोनों के बारे में राष्ट्रपति से उनका आकलन जाना। उन्होंने बताया कि जेलेंस्की ने दोनों मुद्दों पर बात की। विदेश मंत्री ने मोदी की कीव यात्रा को ऐतिहासिक बताया।

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