जन्माष्टमी पर भूलकर भी न करें 10 काम, होगी धन हानि…

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):

 26 अगस्त को रखा जाएगा जन्माष्टमी का व्रत। सनातन धर्म में जन्माष्टमी का अत्यधिक धार्मिक महत्व है।

कृष्ण जन्माष्टमी पर भक्त उपवास रखते हैं और अगले दिन या कृष्ण-जन्म के बाद पारण करते हैं। इसके अलावा कुछ साधक विशेष पूजा करने के लिए भगवान कृष्ण के मंदिर भी जाते हैं।

जन्माष्टमी के दिन कुछ चीजों को करने से भगवान कृष्ण नाराज हो सकते हैं और आर्थिक स्थिति भी डगमगा सकती है। इसलिए व्रत रखा हो या नहीं 26 अगस्त, जन्माष्टमी को भूलकर भी न करें ये काम-

जन्माष्टमी पर क्या न करें?

मास-मदिरा- सावन के महीने में भूलकर भी मास-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस महीने तामसिक भोजन का सेवन करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं।

तुलसी की पत्तियां- तुलसी की पत्तियां भगवान शिव को अर्पित नहीं करनी चाहिए। तुलसी जी माता लक्ष्मी का रूप मानी गयी हैं, जो विष्णु जी की पत्नी हैं।

इसलिए शिव पूजा के दौरान भूलकर भी तुलसी की पत्तियों को न तो शिव जी को भोग लगाना चाहिए और न ही तुलसी की माला से शिव मंत्र का जाप करना चाहिए।

अपमान- कोशिश करें की इस महीने आप किसी का दिल न दुखाएं और वाद-विवाद से भी बचें। किसी का भी अपमान करने से बचें और न ही किसी का मजाक उड़ाएं।

काले वस्त्र- धर्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी शुभ अवसर या फिर पूजा-पाठ के दौरान काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इसलिए कामिका एकादशी के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। भगवान विष्णु की असीम कृपा पाने के लिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ रहेगा।

भोग लगाते या बनाते समय ध्यान रखें 6 चीजें

1- ध्यान रखें भोग में लहसुन या प्याज का इस्तेमाल न किया गया हो। भोग हमेशा सात्विक चीजों का ही लगाया जाता है।

2- स्नान करने के बाद ही भगवान का भोग तैयार करें।

3- कन्हा जी को भोग लगाने से पहले भोग का सेवन या चखना अच्छा नहीं माना जाता है।

4- बासी चीजों से भोग तैयार नहीं किया जाता है।

5- भोग बिना तुलसी की पत्तियों के नहीं लगता है।

6- आरती कर लेने के बाद भोग लगाकर आचवनी की जाती है और घंटी भी बजाते हैं।

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