हरियाणा की सीटों को लेकर 29 अगस्त को भाजपा की मीटिंग, जम्मू-कश्मीर पर भी बात संभव…

विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मी तेज हो चुकी है।

हरियाणा में उम्मीदवारों के चुनाव के लिए 29 अगस्त को भाजपा के केन्द्रीय इलेक्शन कमेटी की मीटिंग होगी, जिसमें हरियाणा के उम्मीदवारों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की बचीं हुई सीटों पर भी उम्मीदवारों के नाम तय किए जाएंगे।

इससे पहले, कल हुई कमेटी की मीटिंग की अध्यक्षता भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने की और इस मीटिंग में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मीटिंग के दौरान सभी लोगों ने हरियाणा और कश्मीर की कुछ सीटों के ऊपर बात की।

29 अगस्त को होने वाली अगली मीटिंग में जम्मू और कश्मीर की सीटों के ऊपर पूरे तरीके से बात फाइनल होने की उम्मीद है।

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी की तरफ से कहा गया कि बीजेपी 60 सीटों पर आसानी से चुनाव लड़ सकती है और उन सीटों पर वह अपने आप को मजबूत मान रही है, लेकिन वह सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

जम्मू-कश्मीर में भाजपा को किसी बड़ी पार्टी का समर्थन हासिल नहीं है लेकिन वह लोकल पार्टियों जैसे कि अपनी पार्टी और अन्य के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी।

इससे पहले भाजपा ने आज 15 नामों की एक लिस्ट जारी की थी और उसके बाद एक और नाम घोषित किया गया था।

जम्मू-कश्मीर में एक दशक के बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव तीन फेज में पूरे होंगे। उम्मीदवार 27 अगस्त तक अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं।

18,25 सितंबर और 1 अक्तूबर को होने वाले चुनावों की मतगणना 1 अक्तूबर को होगी। भाजपा ने इन चुनावों के लिए अपने स्टार कैंपेनरों के नामों का एलान कर दिया है इन नामों में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, अध्यक्ष जे पी नड्डा और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शामिल हैं। इसके अलावा कई और केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के नाम इसमें शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के हटने और परिसीमन के बाद यह पहला चुनाव होने जा रहा है। इस कारण यह चुनाव अपने आप में कई कारणों से महत्वपूर्ण होने वाला है।

भाजपा के सामने जहां एनसी और कांग्रेस का गठबंधन खड़ा है तो वहीं महबूबा मुफ्ती को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

इसी साल हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा ने जम्मू की दोनों सीटों पर कब्जा जमाया था तो वहीं एनसी ने भी दो सीटों पर जीत दर्ज की थी।

सबसे उलटफेर वाला मामला उमर अब्दुल्ला के साथ रहा था, जिसमें वह अपनी सीट एक निर्दलीय उम्मीदवार के सामने हार गए थे।

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