पितृपक्ष अमावस्या पर लगेगा सूर्यग्रहण, क्यों है खास, सूतक काल लगेगा या नहीं, यहां जानें…

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):

इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण अक्टूबर में लगेगा। यह पित-पक्ष का समय होगा, जब आखिरी श्राद्ध यानी सर्व पितृ अमावस्या होगी। आपको बता दें कि इस साल 17 सितंबर से श्राद्ध शुरू हो रहे हैं।

सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध का आखिरी दिन होता है। इसके अलगे दिन से नवरात्र शुरू हो जाते हैं और नवरात्र की तैयारी की जाती है।

इस साल अमावस्या यानी 2 अक्टूबर सूर्य ग्रहण क्या भारत में खास होगा, क्या इस दिन सूतक लगेगा,  कहां-कहां दिखाई देगा और क्या होगा टाइम, जानें इसके बारे में-

2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण

 स दिन चंद्रमा सूर्य और धरती के बीच से गुजरेगा, लेकिन चंद्रमा सूर्य की डिस्क को पूरी तरह कवर नहीं करेगा,इसलिए यह सूर्य ग्रहण रिंग ऑफ फायर की तरह लगेगा।

रात के समय सूर्य ग्रहण एक चमकती हुई रिंग की तरह लगेगा, इसलिए इसे रिंग ऑफ फायर कहते हैं।

कब और कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण और सूतक काल

सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा।  जब ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देता तो इसका सूतक काल भी नहीं माना जाता।

इस ग्रहण का भारत में कोई धार्मिक महत्व नहीं होगा। ज्योतिर्विद दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार 2 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण का भारत में असर नहीं होगा। यह ग्रहण पर मंदिरों के पट नहीं बंद किए जाएंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि इस ग्रहण से सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्धकर्म जैसा होता है, वैसा ही किया जा सकेगा।  ग्नहण का किसी पर भी कोई असर नहीं होगा।

नासा के रिलीज के अनुसार यह ग्रहण साउथ अमेरिका, अंटार्कटिका. पैसेफिक, अटलांटिक ओसिएन, और नोर्थ अमेरिका भी दिखाई देगा।

सूर्य ग्रहण का समय

आंशिक ग्रहण 15:42 यूटीसी

वलयाकार ग्रहण 16:50 यूटीसी

अधिकतम ग्रहण 18:45 यूटीसी

वलयाकार ग्रहण 20:39 यूटीसी पर समाप्त

आंशिक ग्रहण 21:47 यूटीसी पर समाप्त

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