कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत 4 गिरफ्तार, भ्रष्टाचार मामले में ऐक्शन…

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार कर लिया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार मामले में हुई है। संदीप घोष के साथ 2 वेंडर बिप्लव सिंह व सुमन हजारा और उसके अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी अफसर अली को भी अरेस्ट किया गया है।

घोष से सीबीआई लगातार कई दिनों तक पूछताछ कर रही थी। वह अस्पताल में वित्तीय गड़बड़ी मामले में एजेंसी के रडार पर थे।

पहले ही उनके और अन्य संस्थाओं के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी थी। सीबीआई ने यह जांच अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की शिकायतों के बाद शुरू की।

उन्होंने घोष के प्रिंसिपल के रूप में कार्यकाल के दौरान लावारिस शवों की तस्करी, जैव-चिकित्सा अपशिष्ट के निपटान में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद जैसे वित्तीय कदाचार के आरोप लगाए थे।

दरअसल, पश्चिम बंगाल के आरजी कर अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर का 9 अगस्त को शव मिला था। आशंका है कि रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई।

इसे लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल बना हुआ है। इस घटना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन सोमवार को 25वें दिन भी जारी रहा।

हड़ताली डॉक्टर्स आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं, जो अपराध के संदिग्धों में से एक हैं। साथ ही, संस्थान में वित्तीय घोटाले को लेकर भी वह आरोपी हैं।

कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद दोनों मामलों की जांच सीबीआई कर रही है। जांच एजेंसी ने सोमवार को घोष से पूछताछ जारी रखी और फिर देर शाम उन्हें अरेस्ट कर लिया।

संदीप घोष से 15 दिनों से चल रही थी पूछताछ

बता दें कि सीबीआई अस्पताल के पूर्व प्रमुख संदीप घोष से पिछले 15 दिन से पूछताछ कर रही थी और उनका लाई डिटेक्शन टेस्ट भी किया गया।

वहीं, प्रदर्शनकारियों ने आज पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग को लेकर लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय की घेराबंदी करने का निर्णय लिया। जूनियर सरकारी चिकित्सकों ने ओपीडी में अनिश्चितकालीन काम बंद कर रखा है।

डॉक्टर गोयल पर 14 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने आरजी कर अस्पताल मामले के अपराधियों को कठोर सजा देने की मांग के भी नारे लगाए। रैली को पुलिस मुख्यालय तक पहुंचने से रोकने के लिए इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए और अवरोधक लगाए गए थे।

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