प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
भाद्रपद शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 4 सितंबर 2024 दिन बुधवार को दिन में 10:30 के बाद बुध का सिंह राशि में प्रवेश होगा।
बुध के सिंह राशि में प्रवेश के साथ ही बुधादित्य नामक राज्योग का निर्माण हो जाएगा । वृष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु तथा कुंभ राशि वालों के लिए विशेष लाभदायक।
23 सितंबर 2024 तक बुध सिंह राशि मे रहकर अपना प्रभाव स्थापित करेगा । मन के कारक ग्रह चंद्रमा की राशि से निकलकर ग्रहों में राजा सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश होगा।
सूर्य और बुध आपस में मित्र ग्रह है। इस कारण से बुध का संपूर्ण प्रभाव दे पाने में समर्थ होंगे । बुध को ज्योतिष शास्त्र में लेखन शक्ति, याददाश्त, मैनेजमेंट, बैंकिंग व्यवस्था , बौद्धिकता क्षमता आदि का कारक ग्रह माना जाता है।
इस कारण से बुध के राशि परिवर्तन के साथ बौद्धिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल आरंभ होगा। व्यापार के क्षेत्र से जुड़े लोगों को अच्छी उपलब्धि प्राप्त होगी।
भारतीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो व्यापारिक गतिविधियों में सुधार, रियल एस्टेट से जुड़ी की कंपनियों का विस्तार, वाहन से जुड़ी कंपनियों का प्रभाव बढ़ता दिखाई देगा ।
बौद्धिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल होगा। शिक्षा व्यवस्था के क्षेत्र में भी परिवर्तन की स्थिति बन सकती है।
बुध के इस परिवर्तन का इन राशियों पर व्यापक प्रभाव दिखाई देगा।
तुला : भाग्य एवं व्यय भाव का कारक होकर लाभ भाव में गोचर करेंगे। इससे व्यापार एवं लाभ में वृद्धि होगी। शेयर बाजार सट्टा बाजार एवं व्यापारिक गतिविधियों से लाभ की तीव्रता में वृद्धि हो सकती है। कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा। अध्ययन अध्यापन में सकारात्मकता आएगी। संतान पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। अचानक खर्च भी बढ़ सकता है।
वृश्चिक :अष्टम एवं लाभ भाव के कारक होकर दशम भाव में गोचर करेंगे होगा । परिणाम स्वरूप परिश्रम में सामान्य अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सुख सुविधाओं पर खर्च हो सकता है। गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। आर्थिक गतिविधियों में सुधार हो सकता है। ऑफिस में कार्यों का अच्छा रिजल्ट मिलेगा। माता का सहयोग सानिध्य एवं आशीर्वाद प्राप्त होगा।
धनु : सप्तम एवं दशम भाव का कारक होकर भाग्य भाव में गोचर होगा । परिणाम स्वरूप कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा । पुरुषार्थ में वृद्धि होगी । प्रेम संबंधों में प्रगति होगा । जीवनसाथी से संबंध अच्छे बने रहेंगे । दैनिक लाभ में वृद्धि की स्थिति बनेगी । परिश्रम के बल पर सुखद परिणाम प्राप्त करेंगे। भाई बहनों और मित्रों का सहयोग मिलेगा।
मकर : छठे एवं नवम भाव के कारक होकर अष्टम भाव में गोचर होगा। परिणाम स्वरूप वाणी व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल होगा। पारिवारिक कार्यों में वृद्धि होगी। पेशाब संबंधित समस्या के कारण तनाव हो सकता है। पेट की आंतरिक समस्या के कारण तनाव हो सकता है। शत्रुओं पर विजय की स्थिति बन सकती है। अधिक परिश्रम के बाद परिणाम की प्राप्ति होगी। पिता के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें।
कुंभ: पंचम एवं अष्टम के कारक होकर सप्तम भाव में गोचर होगा, इससे दैनिक लाभ में वृद्धि होगी । साझेदारी के कार्यों से लाभ होगा, अध्ययन अध्यापन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय ठीक रहेगा और दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में सकारात्मक प्रगति होगी। स्वास्थ्य के कारण जीवनसाथी को लेकर तनाव हो सकता है। बौद्धिक क्षमता के आधार पर कार्यों में प्रगति की स्थिति बनेगी।
मीन : चतुर्थ एवं सप्तम भाव के कारक होकर छठे भाव में गोचर होगा और परिणाम स्वरूप दूरस्थ यात्रा पर खर्च बढ़ सकता है। गृह एवं वाहन सुख पर खर्च बढ़ सकता है,,माता के स्वास्थ्य को लेकर तनाव हो सकता है।दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में टकराव अथवा अवरोध हो सकता है। अति घनिष्ठ व्यक्ति से तनाव की स्थिति बन सकती है । स्किन एलर्जी के कारण तनाव हो सकता है।