लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह पेजर और वॉकी-टॉकी अटैक से बेहाल है। उसने आरोप लगाया है कि इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने इस पूरे कांड को रचा।
दोनों हमलों में कम से कम 30 लोगों की मौत और 3200 से अधिक के घायल होने की सूचना है। इस बीच इजरायल पर साइबर अटैक की खबर है।
लोकल मीडिया की रिपोर्ट है कि आधी रात को अचानक इजरायलियों के फोन बजने लगे। उन पर इमरजेंसी मैसेज दिखने लगा।
मैसेज में इजरायलियों को सुरक्षित जगह भाग जाने के लिए कहा गया था। इस तरह के हजारों मैसेज मिलने के बाद अफरा-तफरी जैसी स्थिति पैदा हो गई।
इजरायली अधिकारी इस तरह के मैसेज की जांच कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये ईरानी हैकर्स द्वारा प्रायोजित हो सकते हैं।
इजरायली मीडिया ने बताया कि बुधवार देर रात देशभर के इजरायलियों को “आपातकालीन अलर्ट” में फर्जी मैसेज प्राप्त हुए।
जिनमें उनसे कहा गया कि वे जहां हैं, वहां से चले जाएं और किसी सुरक्षित क्षेत्र में चले जाएं। संदेश के व्यापक रूप से प्रसारित होने के बाद KAN न्यूज़ ने बताया कि इस संभावना की जांच की जा रही है कि इसके पीछे ईरान का हाथ है।
इजरायली सेना का बयान
वहीं, इजरायली सेना आईडीएफ ने इस तरह के मैसेजों को फर्जी करार देते हुए कहा कि उन्होंने इजरायलियों को इस तरह का कोई संदेश नहीं भेजा।
यह साइबर अटैक हो सकता है। आईडीएफ के बयान में कहा गया, “आपातकालीन घोषणा वाला मैसेज हमारी ओर से नहीं किया गया। होम फ्रंट कमांड की रक्षा नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।”
मैसेज क्या था
बुधवार आधी रात को कई इजरायलियों को आपातकालीन मैसेज प्राप्त हुए। इन संदेशों के स्क्रीनशॉट लोगों ने सोशल मीडिया पर भी शेयर किए।
मैसेज की हेडलाइन में लिखा था – “OREFAlert। हिब्रू भाषा में यह होम फ्रंट कमांड की तरह है। बताया जा रहा है कि इजरायलियों ने इस मैसेज को आईडीएफ का समझ लिया और अफरा-तफरी वाली स्थिति पैदा हो गई। इजरायलियों को प्राप्त हुए टेक्स्ट संदेश में एक लिंक था और उसके ऊपर गलत वर्तनी में लिखा था, “आपको सुरक्षित क्षेत्र में जाना होगा।”
गौरतलब है कि इजरायल पर साइबर हमले की खबर लेबनान में लगातार दो दिन पेजर और वॉकी-टॉकी विस्फोटों में मारे गए 20 से अधिक लोगों की जान जाने के बाद आई है। हिजबुल्लाह के अधिकारियों के मुताबिक, बेरूत और दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों में लोगों के जेब में रखे पेजर में अचानक विस्फोट होने लगे।
लेबनान मंगलवार को हुए इस हमले से संभला भी नहीं था, तभी अगले दिन बुधवार को वॉकी-टॉकी विस्फोट में कई लोगों की जान चली गई। इन दोनों हमलों के पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ बताया जा रहा है। पेजर और वॉकी-टॉकी में विस्फोटक भरा हुआ था।