इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आज (शुक्रवार, 27 सितंबर को) संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि लेबनानी सशस्त्र समूह के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा। नेतन्याहू के इस ऐलान के कुछ मिनट बाद ही इजरायली सेना ने दक्षिण लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर फिर से ताबड़तोड़ मिसाइल दागकर हमले किए हैं।
इजरायली सेना IDF के हमले से लेबनान की राजधानी बेरूत, जो ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह आतंकियों का गढ़ है, में धमाकों की आवाजें सुनाई दी और पलभर में शहर के दक्षिणी इलाके में घनी आबादी वाले इलाके में धुएं के विशाल बादल छा गए।
इज़रायली सेना के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि हमले में शहर के दक्षिणी उपनगरों में हिजबुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय को निशाना बनाया गया है। इस मुख्यलय में नसरुल्लाह के छिपे होने की आशंका थी।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि इस सप्ताह की शुरूआत में इसी मंच से किये गए झूठे दावों का खंडन करने के लिए वह यहां आए हैं।
नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल की धरती पर हुए हमास के हमले के प्रति अपने देश की जवाबी कार्रवाई का बचाव किया। हमास के हमले की प्रतिक्रिया में चलाये गए इजरायली सैन्य अभियान ने गाजा पट्टी को तहस-नहस कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल मैं यहां नहीं आना चाहता था। मेरा देश अपना अस्तित्व बचाने के लिए युद्ध लड़ रहा है लेकिन जब मैंने, कई वक्ताओं द्वारा इस मंच से मेरे देश पर लगाए गए झूठे आरोप और (उसकी) बदनामी को सुना, तो मैंने यहां आने और सच्चाई को सामने लाने का फैसला किया।’’
उन्होंने जोर देकर कहा कि इजरायल शांति चाहता है, लेकिन ईरान के बारे में कहा, ‘‘यदि आप हम पर हमला करेंगे, तो हम आप पर हमला करेंगे।’’ उन्होंने एक बार फिर, क्षेत्र की कई समस्याओं के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इजरायल के हमलों में 41,500 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं और 96,000 से अधिक घायल हुए हैं।