छत्तीसगढ़; धमतरी: दोस्त को उतारा मौत के घाट, शव को छिपाया तालाब में, फिर शव मिलने पर अंतिम संस्कार में भी हुआ शामिल! अब है पुलिस की गिरफ्त में। मकई तालाब के अंधे कत्ल की गुत्थी को साइबर व सिटी कोतवाली पुलिस ने सुलझाया महज 48 घंटे में…

सैयद जावेद हुसैन, सह संपादक:

धमतरी- शहर की चौपाटी के पास स्थित मकई गार्डन में 12 दिसंबर को अज्ञात लाश मिली थी जिसकी पहचान साल्हेवारपारा निवासी क्रांति चतुर्वेदी के रूप में की गई थी। इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट परिजनों ने 8 दिसंबर को थाना सिटी कोतवाली में दर्ज की थी।

शव मिलने पर पुलिस ने धारा 302 दर्ज कर अज्ञात आरोपी की पतासाजी की जा रही थी साथ ही घटना स्थल के आसपास व आने जाने वाले रास्तों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे थे, इस दौरान पुलिस को सूत्रों से पता चला कि 6 दिसंबर की रात क्रांति एक अन्य आदमी के साथ मकई तालाब की तरफ जाते देखा गया है।

उस व्यक्ति की पतासाजी की गई जिसकी पहचान मकेश्वर वार्ड निवासी रफीक खान पिता गुफरान खान उम्र 30 वर्ष के रूप में की गई, जिसे पुलिस हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की।

जिसमे आरोपी ने अपना जुर्म कुबूल करते हुए बताया कि 6 दिसंबर की देर रात लगभग 11 बजे मकई गार्डन घटना स्थल के पास बैठकर शराब का सेवन किये, इसी दौरान मृतक ने आरोपी को अप्राकृतिक मैथुन करने बोला जिसे मना करने पर मृतक ने आरोपी रफीक खान को माँ-बहन की व मर्दानगी संबंधी अश्लील गाली गलौच करने लगा और ईट के टुकड़े से फेक कर मारा, जिससे आरोपी रफीक खान उत्तेजित होकर एक ईट के टुकड़े से क्रांति चतुर्वेदी को फेककर सिर में मारा जिससे चोट लगने से वह वही पर गिर गया, नजदीक जाकर उसे छूकर देखा तो श्वास रूक-रूक कर चल रही थी, फिर घबराकर अपने पास रखी चाकू से मृतक के गले में वार कर हत्या कर दिया।

इस घटना पर परदा डालने के लिए मृतक को तालाब में डालकर आसपास रखे पुराने कपड़े को मृतक क्रांति के ऊपर डाल दिया इसके बाद तालाब में ही चाकू एवं हाथ-पैर को धोकर अपने घर चला गया! और अगले दिन से सामान्य कामकाज में जुट गया, फिर मृतक का शव मिलने पर शोक व्यक्त करने उसके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ।

आरोपी से पुछताछ मेमो के आधार पर घटना में प्रयुक्त चाकू को उसके घर से बरामद किया गया। साथ ही आरोपी का पहले भी मारपीट और चोरी का प्रकरण पंजीबद्ध है।

उक्त आरोपी को पकड़ने में थाना प्रभारी उप पुलिस अधीक्षक शेर सिंग बंदे, उप निरीक्षक सुनील कश्यप, सायबर सेल तकनीकी प्रभारी उप निरीक्षक नरेश कुमार बंजारे, सउनि अनिल यदु, प्रआर, देवेन्द्र राजपूत, आरक्षक वीरेन्द्र सोनकर, विकास द्विवेदी, धीरज डरसेना, आनंद कटकवार, कृष्ण कन्हैया पाटिल, सितलेश पटेल, युवराज ठाकुर, भूपेन्द्र सिन्हा की सराहनीय भूमिका रही।

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