मध्यप्रदेश की धरती पर अब बेटियाँ वरदान : मुख्यमंत्री चौहान…

बहनों ने जो विश्वास मेरे प्रति जताया उसे मैं टूटने नहीं दूँगा
बहन-बेटियों के कल्याण के लिए प्रदेश में चल रही अनेक योजनाएँ

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत भूमि पर बेटियों का बहुत आदर और सम्मान था, परंतु एक समय ऐसा आया जब बेटियों को अभिशाप माना जाने लगा।

कोख को कत्ल खाना बना दिया गया। प्रदेश में 1000 बेटों के पीछे केवल 900 बेटियाँ जन्म लेती थीं। मेरे मन में शुरू से ही बेटियों का खोया हुआ सम्मान लौटाने की तड़प थी। एक बार मैं एक सभा में कह रहा था कि “भ्रूण हत्या मत करो, बेटियों को आने दो”, तब बूढ़ी अम्मा ने कहा कि बेटियों की दहेज की व्यवस्था क्या तू करेगा।

उसी समय मैंने प्रण लिया कि मध्यप्रदेश में बेटियों को वरदान बनाऊँगा। मैं दिन-रात उनके कल्याण में लग गया और मध्यप्रदेश की धरती पर अब बेटियाँ वरदान हैं।

मुख्यमंत्री चौहान खंडवा में लाड़ली बहना महा सम्मेलन में बहनों को संबोधित कर रहे थे। प्रारंभ में लगभग एक लाख बहनों द्वारा शिवराज भैया को लिखी गई पातियाँ उन्हें भेंट की गईं। बहनों ने साफा बांध कर और निमाड़ी पहरावनी द्वारा मुख्यमंत्री चौहान का स्वागत किया। मुख्यमंत्री को बहनों ने राखियों से बनाई उनकी तस्वीर भी भेंट की।

मुख्यमंत्री चौहान ने अपने संबोधन की शुरूआत “फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है” गाने से की और समापन भी इसे गाकर किया। बहनों ने भी अपने शिवराज भैया के साथ स्वर में स्वर मिलाया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज बड़ी संख्या में प्रदेश की बहनों ने मुझे पाती लिख और राखी बांध कर, मेरे प्रति जो विश्वास जताया है, उसे मैं टूटने नहीं दूँगा। मैं कच्चे धागे के इस बंधन को उम्र भर निभाऊँगा। मैं जिउँगा तो बहनों के लिए और यदि उनके लिए मरना पड़ा तो उसमें भी पीछे नहीं हटूँगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों के कल्याण के लिए प्रदेश में अनेक योजनाएँ संचालित हो रही हैं। प्रदेश में सर्वप्रथम लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई गई। बेटियों को जन्म के समय ही बचत पत्र खरीद कर दिया जाता है, जिसके द्वारा उन्हें समय-समय पर राशि मिलती है और 21 वर्ष की आयु पूरी हो जाने पर एक लाख रूपये मिलते हैं। गरीब बेटियों के विवाह के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह /निकाह योजना चल रही है। पंचायत और नगरीय निकायों में आधी से अधिक बहने निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। शिक्षकों की भर्ती में भी बहनों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है। पुलिस की भर्ती में बहनों को 30 प्रतिशत आरक्षण मिलता है। यदि कोई संपत्ति बहन के नाम पर ली जाए तो स्टांप शुल्क में भी छूट रहेगी। प्रधानमंत्री आवास पति-पत्नी दोनों के नाम ही स्वीकृत होते हैं। प्रदेश में हर गरीब को रहने की जमीन दिलाई जा रही है। इसके लिए जो पट्टा होता है उसमें भी पत्नी का नाम अनिवार्य है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं प्रदेश की सभी बहनों का सगा भाई हूँ। भाई अपनी बहन को साल में एक बार सावन के महीने में राखी पर उपहार देता है। मैं भी अपनी बहनों को उपहार देना चाहता था, परंतु मेरा भाव यह था कि यह उपहार वर्ष में एक बार नहीं बल्कि हर महीने दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार मैंने सबेरे 4 बजे उठ कर पत्नी को बताया कि मेरे मन में बहनों के लिए एक योजना आई है, जिसमें उन्हें प्रत्येक माह एक हजार रूपये की राशि दी जाकर उन्हें आत्म-निर्भर बनाया जाये। इसी सोच से लाड़ली बहना योजना बन गई।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लाड़ली बहना योजना बहनों की जिंदगी बदल देगी। योजना का लाभ प्रत्येक ऐसे परिवार को, जिसकी वार्षिक आय ढाई लाख रूपए से कम हो, 5 एकड़ या उससे अधिक जमीन न हो और 4 पहिया वाहन न हो, मिलेगा। परिवार का अर्थ पति-पत्नी और बच्चे हैं। इसके लिए बहन की उम्र 23 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक होना चाहिए। योजना में 30 अप्रैल तक फार्म भरे जाएंगे और 10 जून से बहनों के खाते में पैसा आने लगेगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहने इस योजना का लाभ लें और दूसरी बहनों को भी दिलवाए। गाँव-गाँव, वार्ड-वार्ड में लाड़ली बहना सेना बना ले और योजना के क्रियान्वयन में अपना पूरा सहयोग दें। मुख्यमंत्री चौहान ने उपस्थित सभी महिलाओं को प्रदेश के विकास में भाई का साथ देने की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और महिला स्व-सहायता समूह के स्टाल पर चाय और लड्डू का स्वाद भी चखा। महिला सम्मेलन में मुख्यमंत्री स्थानीय कलाकारों के साथ कदम से कदम मिला कर थिरके भी।

जिले की प्रभारी और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, जन-प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में बहन, बेटी और महिलाएँ उपस्थित रही। स्वागत भाषण विधायक देवेंद्र वर्मा ने दिया।

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